कोलंबो। जिम्बाब्वे जैसी कमजोर टीम के खिलाफ वनडे सीरीज में 2-3 से मिली हार के बाद श्रीलंका के कप्तान एंजेलो मैथ्यूज ने सभी फॉर्मेट में कप्तानी से इस्तीफा दे दिया है। मैथ्यूज ने जिम्बाब्वे के खिलाफ मिली हार के बाद कहा था कि यह उनके करियर का सबसे खराब दौर है।
क्रिकइंफो की रिपोर्ट के मुताबिक मैथ्यूज ने कहा है कि उन्होंने अपने इस फैसले के बारे में मंगलवार को चयनकर्ताओं को बता दिया।
मैथ्यूज ने 34 टेस्ट, 98 वनडे और 12 टी-20 मैच में टीम की कप्तानी की है। वह 2013 में टीम के कप्तान बने थे। श्रीलंका का पिछले कुछ वर्षो से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है।
मैथ्यूज के बाद दिनेश चंडीमल को टेस्ट टीम की कमान सौंपी गई है, जबकि उपुल थंरगा को वनडे और टी-20 टीम का कप्तान बनाया गया है। दोनों ने मैथ्यूज के चोटिल होने के समय टीम की कप्तानी की है।
क्रिकइंफो ने मैथ्यूज के हवाले से लिखा है कि हां, मेरे कार्यकाल के दौरान कुछ बुरे प्रदर्शन सामने आए और मैं इसकी पूरी जिम्मेदारी लेता हूं। पहले भी कई ऐसे मौके थे जहां मैं कप्तानी छोड़ना चाहता था, लेकिन इसका असर टीम पर पड़ता, इसलिए मैंने ऐसा नहीं किया।
इसका मुख्य कारण था कि मेरा कोई विकल्प मौजूद नहीं था। अब ऐसे खिलाड़ी हैं जो मेरा स्थान ले सकते हैं। मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि वह मुझसे ज्यादा सफल रहेंगे। मैं चाहता हूं कि मेरे उत्तराधिकारी 2019 विश्व कप के लिए टीम का निर्माण करें।
चंडीमल ने कहा कि एंजेलो मैथ्यूज ने हमारे लिए जो किया, उसके लिए मैं उनका शुक्रगुजार हूं। कप्तानी आसान काम नहीं है। वह हमारे लिए मैच विजेता रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि वह आगे भी ऐसा करते रहेंगे।
हाल ही में इंग्लैंड में खेली गई चैम्पियंस ट्रॉफी में भी श्रीलंका ग्रुप दौर में ही बाहर हो गई थी। उससे पहले दक्षिण अफ्रीका में उसे मुंह की खानी पड़ी थी। इसके अलावा मैथ्यूज की कप्तानी में 2015 में 50 ओवरों के विश्व कप और पिछले साल भारत की मेजबानी में खेले गए टी-20 विश्व कप में भी उसका प्रदर्शन निराशाजनक रहा था।
बीते कुछ वर्षो में श्रीलंका की टीम उस तरह की नहीं रही, जिसके लिए वह जाने जाती थी। मैथ्यूज ने टीम को 13 टेस्ट में जीत दिलाई है, जबकि 15 में उन्हें हार मिली। पिछले साल मैथ्यूज चोटों से जूझते रहे और इसी कारण उन्हें कुछ सीरीज से बाहर रहना पड़ा।