कानपुर। जिस तरह शहर में अपराध कायम है, उसी तरह पुलिस की लचर कार्यशैली भी कहीं न कही अपराधियों को बढ़ावा देने के लिए अहम रोल अदा कर रही है। जिसकी बानगी चौबेपुर का अनिल हत्याकांड है।
पुलिस के पास नामजद रिपोर्ट दर्ज है, लेकिन चार दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली है। अब देखना यह होगा कि पुलिस अपनी कार्यशैली में सुधार कर अनिल के हत्यारों को कब तक पकड़ पाती है।
बुढ़न गांव में रहने वाले किसान चन्द्रिका प्रसाद के बेटे अनिल की पांच जनवरी को घर में ही कुल्हाड़ी से निशृंष हत्या कर हत्यारोपी फरार हो गए। पिता की सूचना पर पहुंची पुलिस ने फारेंसिक टीम की मदद से साक्ष्य जुटाए।
जबकि मृतक के किसान पिता ने बेटे की हत्या का आरोप गांव के ही रामसिंह, रामस्वरुप, कन्हैया पर लगाया और थाने में नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई। जबकि हत्यारोपी गांव छोड़कर परिवार के साथ फरार हो चुके है। जिससे पुलिस का शक यकिन में बदल गया और हत्यारोपीयों की तलाश शुरु कर दी।
परिवार के माने तो अनिल हत्याकांड को चार दिन बीत चुके है। लेकिन पुलिस हत्यारों का सुराग नहीं लगा पाई है। पुलिस की इस कार्यशैली के बाद मृतक के परिवार व ग्रमीणों ने पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा दिया है और कहा है कि अनिल के हत्यारो को पुलिस पकड़ पाएगी।
वहीं थानेदार ने कहा है कि हत्यारोपियों को पकड़ने के लिए लगातार पुलिस प्रयास में जुटी हुई है, और जल्द ही हत्यारों को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा कर दिया जाएगा।
मैं भी कर लूंगा आत्महत्या
जिस बेटे की कुल्हाड़ी से काट कर निर्मम हत्या हो गई, वह पिता अपने बेटे को न्याय के दिलाने के लिए लगातार चौबेपुर थाना व सीओ कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। पिता चन्द्रिका प्रसाद ने बताया है कि बेटे को न्याय दिलाने के लिए अथक प्रयास कर रहे है और वह पुलिस से भी उम्मीद लगाए हुए है कि जल्द हत्यारों को पकड़ बेटे को न्याय दिलाए। उन्होंने कहा कि पुलिस अगर बेटे को न्याय नहीं दिला पाई तो वह एसएसपी कार्यालय में परिसर के बाहर केरोसीन डालकर आत्महत्या कर लेगा।