अजमेर। महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिता भदेल के मुख्य आतिथ्य में महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय के उद्यमशीलता एवं लघु उद्योग प्रबंधन केन्द्र द्वारा मैं, मंजिल और मौका विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया।
इसमें उपस्थित युवाओं, उद्यमियों एवं गणमान्य व्यक्तियों को संबोधित करते हुए कहा कि रोजगार प्राप्त करने वाला बनने की जगह उद्यमशीलता के माध्यम से रोजगार प्रदायक बनने से अपना, समाज का तथा राष्ट्र का सही अर्थों में विकास संभव है।
भदेल ने कहा कि सरकार द्वारा नवीन उद्यमियों के लिए विभिन्न अनुदान योजनाएं तथा छुट उपलब्ध करवायी जा रही है। इसका लाभ लेकर अपनी उद्यमशीलता की परिकल्पना को साकार किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा संभाग स्तर पर विशेष एकक स्थापित करने के लिए संकलपबद्घ है। इससे राज्य में रोजगार के नए अवसरों का सजृन होगा।
केन्द्र तथा राज्य सरकार कौशल विकास पर ज्यादा ध्यान दे रही है। भारतीय संस्कृति में परम्परा से चले आ रहे व्यवसायों को तकनीकी दृष्टि से सुदृढ़ करके आधुनीकिकरण करने से घर-घर में उद्योगों की सोच को धरातल पर उतारा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के उद्यमशीलता केन्द्र द्वारा स्टार्टअप युवाओं के अन्दर से उनकी क्षमताओं को बाहर निकालने तथा निखारने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन अजमेर के लिए गर्व की बात है।
युवावस्था में उपयुक्त मार्गदर्शन मिलने से व्यक्ति अपने कार्य तथा सफलताओं से संतुष्ट हो जाता है। इसी में जीवन की सफलता छुपी हुई है। उन्होंने कहा कि मानव एक जीवित यंत्रा है जो सकारात्मक दिशा में प्रयास करके मंजिल को प्राप्त कर सकता है।
महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कैलाश सोडानी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में स्थापित उद्यमशीलता एवं लघु उद्योग प्रबंधन केन्द्र की तर्ज पर राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों में भी उद्यमशीलता को बढ़ावा देने वाले केन्द्रों की स्थापना की जाएगी।
उन्होंने कहा कि पिछड़ा बनने की मानसिकता त्याग कर अग्रगामी सोच के साथ आगे बढऩे से सफलता सहज ही प्राप्त हो जाती है। जीवन छोटा नहीं है हमें केवल शीघ्र जीवन जीना शुरू कर देना चाहिए। युवावस्था में लक्ष्य तय करके उसकों पाने के लिए शिद्दत के साथ लगने से सफलता तेजी से मिलती है।