नई दिल्ली । मोदी सरकार के पहले बजट सत्र के साथ ही भूमि अधिग्रहण अध्यादेश का विवाद भी गहरा गया है। इस अध्यादेश के प्रावधानों को किसान विरोधी बताते हुए देश भर में लामबद्ध हुए किसानों ने अन्ना हजारे के नेतृत्व में दिल्ली में सोमवार से आंदोलन शुरू कर दिया है।
कांग्रेस शासन के दौरान भ्रष्टाचार के खिलाफ और सशक्त लोकपाल के समर्थन में दिल्ली के जंतर-मंतर पर अन्ना के आंदोलन ने भाजपा के लिए केन्द्र में सत्ता पर काबिज होने का रास्ता साफ किया था। इस बार स्थिति दूसरी है, सत्ता भाजपा की और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं।
इस दौरान अन्ना हजारे ने केन्द्र सरकार को चुनौति देते हुए कहा कि कांग्रेसनीत संप्रग सरकार का भूमि अधिग्रहण कानून सही था। इस कानून में अध्यादेश के माध्यम से मोदी सरकार की ओर से किये गये संशोधन किसान विरोधी हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस अध्यादेश को वापस नहीं लिया गया तो चार महीने बाद जेल भरो आंदोलन शुरू किया जाएगा।
अन्ना हजारे ने मोदी सरकार को अहंकारी बताते हुए कहा कि वह किसानों के हितों को अनदेखा कर उद्योगपतियों के लिये काम कर रही है। उन्होंने कहा कि अच्छे दिन के इंतजार में थे, आम जनता की बजाय विशेष लोगों के ही अच्छे दिन आये हैैं।
मोदी सरकार के भूमिअधिग्रहण अध्यादेश को वापस लेने की मांग लेकर जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे देश भर से आये किसानों को संबोधित करते हुए अन्ना ने कहा कि मोदी ने कहा अच्छे दिन भाजपा के कार्यकर्ताओं और उद्योगपतियों के आयें हैं। अन्ना ने कहा कि मोदी सरकार बहुमत में आने से अंहकारी हो गई है, ऐसा ही चलता रहा तो भाजपा और मोदी का भी वही हाल होगा जो कांग्रेस का हुआ है।
अन्ना हजारे ने कहा कि मोदी सरकार जो अध्यादेश लेकर आ रही है, वह ब्रिटिश राज के भूमि कानून के समान है। मोदी सरकार किसानों से उनका न्याय पाने का हक भी छीन रही है। इस अध्यादेश के अनुसार किसान अपनी जमीन अधिग्रहित होने के खिलाफ न्यायालय में भी नहीं जा पायेगा। न्यायालय जाने से पहले उसे सरकार से पूछना होगा। अन्ना ने कहा कि यह एक प्रकार से हुक्मशाही का प्रतीक है। अन्ना ने कहा कि अध्यादेश के माध्यम से सरकार ने कानूनन सिंचाई भूमि को अधिग्रहित करने का भी रास्ता निकाल लिया है।
भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को वापस लेने की मांग करते हुए अन्ना ने कहा कि सरकार उनकी मांग नहीं मानती तो चार महीने बाद रामलीला मैदान से जले भरो अभियान शुरू होगा। उन्होंने कहा कि मोदी के भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ लोगों को जागरूक करने की जरूरत है।
समाजसेवी मेधा पाटेकर ने कहा कि जाति और धर्म के नाम पर मुद्दों को भटकाने की कोशिश की जा रही है। पंचायत, किसान, जंगल, जमीन और संसाधन की बात कोई नही करता । मोदी सरकार ब्रिटिश राज की तर्ज पर काम कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार उद्योगपतियों के रूप में देश में नये जमींदार पैदा कर रही है। उनके लिए ही 2013 में बने अच्छे भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव कर अध्यायदेश लाया गया है। पाटेकर ने कहा कि गांव के जमीन पर गांव के लोगों का अधिकार होना चाहिये।