नई दिल्ली। भूमि अधिग्रहण अध्यादेश का विरोध कर रहे अन्ना हजारे के मंच पर अरविंद केजरीवाल दिखे। उन्होंने वहां से भाषण भी दिया।
जब इस पर सवाल उठने लगे तो अन्ना ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के भाषण देने का बचाव करते हुए कहा कि वह किसी पार्टी के नेता नहीं हैं बल्कि जनता के मुख्यमंत्री हैं। उल्लेखनीय है कि अन्ना ने धरना शुरू करने से पहले ही कहा था कि वह किसी राजनीतिक पार्टी के नेता का मंच पर धरने के दौरान नहीं आने देंगे।
अन्ना ने यह भी कहा था कि वह अरविंद केजरीवाल को मंच पर जगह नहीं देंगे। फिर उन्होंने कहा कि वह केजरीवाल का स्वागत करेंगे क्योंकि वह एक राज्य के मुख्यमंत्री हैं और इसी हैसियत से उन्हें मंच पर जगह मिलेगी।
सचिवालय के शुद्धिकरण का न्योता
इधर अपने भाषण में अरविंद केजरीवाल ने अन्ना को अपना पिता व गुरु बताते हुए कहा कि आज दिल्ली के मुख्यमंत्री के नाते मैं ऐलान करता हूं कि अन्नाजी 10 मिनट के लिए हमारे सचिवालय में चरण रखें तो हमारा सचिवालय शुद्ध हो जाएगा। वह 10 मिनट के लिए आएं और सभी विभाग के इंचार्जों से मिलें, हमें प्रेरणा मिलेगी।
मोदी सरकार को बताया उद्योगपतियों का प्राॅपर्टी डीलर
साथ ही उन्होंने कहा कि हालांकि यहां जमीन का मुद्दा सरकार के अधीन नहीं आता है। लेकिन फिर भी अगर दिल्ली के 360 गावों में से किसी की जमीन का जबरन अधिग्रहण हुआ तो हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार जिस तरह का कानून ला रही है उससे बड़े-बड़े उद्योगपतियों के लिए प्रापर्टी डीलर का काम करेगी। इस दौरान योगेंद्र यादव ने कहा कि भाजपा सरकार भी कांग्रेस की तरह काम कर रही है। उनका आरोप था कि सरकार चंद लोगों के लिए किसानों की परवाह नहीं कर रही है, लेकिन ऐसा होने पर उन्होंने विरोध करने की चेतावनी दी। मोदी सरकार की ओर से लाये जा रहे भूमि अधिग्रहण बिल की घोर निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि हम देश के किसानों के साथ मिलकर देशभर में आंदोलन करेंगे।