मुंबई। राज्य के सहकारी शक्कर कारखानों में 25 हजार करोड़ रुपए का घोटाला राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार व उनके भतीजे अजीत पवार ने किया है।
इस तरह का आरोप वरिष्ठ समाजसेवक अन्ना हजारे ने उच्च न्यायालय में दाखिल की गई जनहित याचिका में लगाया है। हजारे ने इन मामलों की जांच सीबीआई से विशेष जांच टीम गठित कर किए जाने की मांग की है।
अन्ना हजारे ने उच्च न्यायालय में दाखिल जनहित याचिका में कहा है कि सहकारी शक्कर कारखानों के विकास के नाम पर बड़े पैमाने पर बैंकों से कर्ज लिया गया, लेकिन बैंकों की हालत सुधारने का कोई काम जान-बूझकर नहीं किया गया।
इसके बाद घाटे में दिखाकर सहकारी शक्कर कारखानों की बिक्री कर दी गई। हजारे ने इस तरह के 47 सहकारी शक्कर कारखानों की लिस्ट भी याचिका में जोड़ी है।
अन्ना ने अपनी याचिका में कहा है कि शरद पवार व अजीत पवार ने उच्च न्यायालय के 2006 में दिए गए आदेश की भी अवमानना की है, जिससे राज्य में नए सहकारी शक्कर कारखाना न खोले जाने का आदेश जारी किया गया था।
हजारे ने वर्ष 2006 से 2014 तक राज्य में 58 नए सहकारी शक्कर कारखानों को अनुमति दिए जाने की जानकारी भी अदालत में दायर याचिका में दी है।
हजारे ने सहकारी शक्कर कारखानों के व्यवहार में शरद पवार, अजीत पवार व उनके सहयोगियों के शामिल होने का आरोप लगाया है और इस मामले की जांच करवाए जाने की मांग की है।