सबगुरु न्यूज-सिरोही/आबूरोड। पद पर रहकर कायदों को ताक में रखकर अपने नए कानून गढने वाले अधिकारियों को अब अपनी डेयरिंग बाजी भारी पडती जा रही है। जालोर एडीएम के बाद पिण्डवाडा नगर पालिका के पूर्व अधिशासी अधिकारी पोकरराम चैहान व सिरोही के पूर्व आयुक्त लालसिंह राणावत को भी सलाखों के पीछे जाना पडा।
दोनों के ही पूर्व कार्यकाल में किए गए नियम विरु़द्ध कार्यों में लिप्तता पाए जाने पर यह स्थिति आई। लालसिंह राणावत को पिंडवाडा में आरआई रहने के दौरान कूटरचित दस्तावेज तैयार करके भूखण्ड हडपने के मामले में न्यायालय ने सजा सुनाई है और उन्हें जेल जाना पडा।
आबूरोड के अपर जिला व सत्र न्यायालय (क्रमांक दो) ने पिण्डवाड़ा के पूर्व ईओ, आरआई व महिला द्वारा सजा के विरुद्ध की गई अपील शुक्रवार को खारिज करने के आदेश दिए गए। इसके बाद तीनों को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया।
इस मामले के अनुसार पिण्डवाडा के पूर्व पार्षद धर्माराम पटेल ने वर्ष 2002 में पिण्डवाड़ा नगरपालिका के पूर्व ईओ पोकरराम पुत्र पूनाराम चैहान, तत्कालीन राजस्व निरीक्षक लालसिंह पुत्र उम्मेदसिंह राणावत व मोरस राजकीय चिकित्सा केंद्र में प्रसाविका पुष्पादेवी उर्फ रानी पुत्री सुंदरसिंह के खिलाफ कूटरचित दस्तावेजों ये एक भूखंड को हड़पने का मामला दर्ज करवाया था। इस मामले में पिण्डवाड़ा न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने तीनों आरोपियों को दोषी पाया था।
न्यायिक मजिस्ट्रेट पूनाराम गोदारा ने तीनों आरोपियों को तीन वर्ष के कारवास से दंडित करने के आदेश दिए थे। साथ ही लालसिंह व पोकरराम पर 35 हजार पांच सौ रुपए व पुष्पा पर 20 हजार पांच सौ रुपए का जुर्माना से दंडित किया था। इस पर तीनों अभियुक्तों ने आबूरोड के जिला एवं सत्र न्यायालय (क्रमांक दो) में सजा के विरुद्ध अपील दायर की थी।
अपरलोक अभियोजक धर्मेद्र राजपुरोहित ने मातहत न्यायालय द्वारा दी गई सजा को यथावत रखे जाने का तर्क दिया। इस पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार व्यास ने शुक्रवार मामले से जुड़ी पत्रावलियों का अवलोकन किया। अपर लोक अभियोजक के तर्को से सहमति जताते हुए तीनों आरोपियों की अपील को खारिज कर दिया।
साथ ही अधीनस्थ न्यायालय द्वारा दी गई सजा को बरकरार रखने के आदेश दिए। इस पर तीनों अभियुक्तों को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया।
-राणवत पर कई मामले दर्ज
नगर पालिका राजस्व निरीक्षक लालसिंह राणावत पर भ्रष्टाचार के कई मामले दर्ज हैं। इसके बाद भी डीएलबी ने उन्हें निरंतर महत्वपूर्ण पदों पर आसीन किए रखा। सिरोही में सीसीटीवी घोटाला, सिरोही में खसरा संख्या 1218 की अनियमितता, सिरोही एलईडी लाइट घोटाला, सिरोही नगर पालिका में भर्ती की अनियमितता, सांचोर नगर परिषद में जमीनों में अनियमितताओं आदि के प्रकरण एंटी करप्शन, डीएलबी और लोकायुक्त में दर्ज हैं।
इन पर जांच की जा रही है। राणावत जुलाई 2014 में सिरोही नगर परिषद के आयुक्त के रूप में सेवानिवृत हो चके हैं, लेकिन उनके पद पर रहते हुए की गई अनियमितताओं की सुनवाई के निर्णय अब आने लगे हैं।