अलीगढ़। यूपी में एक अन्य परिवार ने दावा किया है कि पाकिस्तान से लौटी गीता ही उनकी बेटी डाली है।
अतरौली तहसील के उत्तरा गांव के बहुल सिंह ने दावा किया है कि मूक बधिर गीता ही उनकी बेटी है और वह इसे साबित करने के लिए डीएनए परीक्षण कराने को तैयार हैं।
सिंह ने कहा कि डाली 11 नवंबर 2000 को लापता हुई थी और बरला थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज है।
बहुल सिंह के बेटे नरिन्दर सिंह ने बताया कि उसके एक भाई और तीन बहनें हैं। उन्होंने बताया कि जिस दिन डॉली गायब हुई, परिवार वाले तीर्थयात्रा पर गए थे और वह पीछे छूट गई। नाराज डॉली वहां से भाग गई और फिर कभी नहीं लौटी।
प्रतापगढ़ के एक अन्य परिवार ने पहले ही दावा किया है कि गीता दरअसल उनकी बेटी सविता है जो बिहार से 12 साल पहले गायब हुई थी। ये परिवार भी डीएनए परीक्षण कराने को राजी है।
गीता पाकिस्तान से 15 साल बाद लौटी। उसने महतो परिवार को पहचानने से इंकार कर दिया, जो उस पर अपना दावा कर रहा था। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि गीता ने महतो परिवार को पहचानने से इंकार किया है।
पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग द्वारा भेजे गए फोटो के जरिए उसने पहले इसी परिवार को पहचाना था। खबर है कि गीता सात या आठ साल की थी, जब पाकिस्तानी रेंजरों को 15 साल पहले वह लाहौर रेलवे स्टेशन पर समझौता एक्सप्रेस में मिली।