सबगुरु न्यूज-सिरोही। मुख्यमंत्री को गए अभी बारह घंटे नहीं बीते होंगे कि रविवार को झाडोलीवीर में जल संसाधन विभाग की ओर से फॉर वाटर कांसेप्ट के तहत बनाया गया एमआई टैंक टूट गया। इसे हाल ही में बनाया गया था। इससे पहले पिछले पखवाडे अनादरा क्षेत्र में बनाया गया एमआई टैंक भी फूट गया था। निर्माण के बाद इन एमआई टैंकों की यह पहली ही बारिश है।
इस अनियमितता को लेेकर संयम लोढा ने जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ओपी सैनी को पत्र लिखते हुए एमआई टैंकों के निर्माण में बरती गई अनियमितताओं की ओर ध्यान दिलवाया। पऋ में बताया कि जल संसाधन विभाग की ओर से जवाई खण्ड के अधीन शिवगंज तहसील में फॉर वॉटर कांसेप्ट के अन्तर्गत 30 करोड से अधिक के एमआईटी टैंक के निर्माण कार्य कैलाषनगर, झाडोली, मनादर में चल रहे हैं। इनके निर्माण में गंभीर अनियमितताएं देखने को मिली हैं। इन टैंकों के निरीक्षण के बाद लोढा ने इस पत्र में बताया कि पहली बारिश में झाडोलीवीर के टैंक की दीवार में खडढा व दरार पड़ गई है।
उनका अरोप है कि कैलाशनगर क्षेत्र में इनका निर्माण दूरबीन सर्वे के अनुसार नही हुआ है। बांध की कच्ची दीवार को टेढ़ामेढा बनाया गया है। जिससे बांध का वास्तविक स्थान परिवर्तित हो गया है। उनका यह भी आरोप है कि आनन फानन में काश्तकारो की सहमति लिये बिना ही निर्माण शुरू कर दिया है जो गलत खसरा नम्बर में हुआ है।
-बालू का मिश्रण लिया उपयोग में
लोढा ने पत्र में आरोप लगाया है कि इन एमआई टैंकों के निर्माण में डीपीआर में 5 से 8 किलोमीटर की लीड ले रखी है, लेकिन मौके पर बालू मिट्टी का मिश्रण कर उपयोग में लिया जा रहा है। नींव से निकाली कंकरीली मिट्टी का निर्माण कार्य में उपयोग लिया जा रहा है। बांध की दीवार में पूर्णतया सुखी मिट्टी का उपयोग किया गया है।
पत्र में लिखा कि डीपीआर के अनुसार 20 से.मी. की लहर बनाकर रोलिंग एवं कम्प्रेस करना है, लेकिन मौके पर 60-65 से.मी. की लहर बनाकर रोलिंग किया जा रहा है। माइक्रोडेम चार के निर्माण में पूर्व में मरूविकास कार्यक्रम के तहत निर्मित मेसेनरी चैक डेम एवं कच्ची पाल को भारी नुकसान पहुंचाया है।
उन्होंने बताया कि कैलाशनगर के एमआई टैंक की डीपीआर में शिवगंज की वर्षा का पिछले 40 वर्षो का औसत लिया गया है, जबकि कैलाशनगर के बीच 35 किलोमीटर की दूरी है। और इस दूरी में औसत में काफी परिवर्तन हो जता है अतः यह औसत सही नही है। उन्होंने आरोप लगाया कि बांधांे का निर्माण सर्वे से हटकर किया गया है जो सुरक्षा की दृष्टि से घातक हो सकता है।
जुबलीगंज, मनादर एवं झाडोलीवीर क्षेत्र में बांध की पाल बनाते समय ज्यामिति को नही मिलाया गया। जिससे बांध का स्थान परिवर्तित हो गया। इसी तरह मिट्टी के उपयोग एवं रोलिंग एवं कम्प्रेशन में भारी अनियमितता है। बांध क्षेत्र में आने वाले कुंओं एवं खेतो के रास्ते बंद हो गये है।
-अवाप्ति भी नहीं की
लोढा ने बताया कि कैलाशनगर-4 के निर्माण के लिये उपखण्ड अधिकारी ने 22 जुलाई को भूमि अवाप्ति का नोटिस जारी किया है, किसान आपत्ति दर्ज कराने गये तो आपत्ति नही ली गई। सात दिन की मियाद खत्म होने से पहले किसानो के खेत में निर्माण शुरू कर दिया गया। उन्होंने बताया कि किसान मीठाराम, चौथाराम, मदन, दौलाराम का खेत तो बिना भूमि अवाप्ति किये दो टुकडो में बांट दिया और बडी मिट्टी की दीवार खडी कर दी। इसी तरह मूला पुत्र लाल, व समीया पुत्र साकला कलबी के खेत को भी बिना भूमि अवाप्ति के नुकसान पहुंचाया है।
लोढा ने सैनी को बताया कि इस संबंध में किसान पेकाराम निवासी कैलाशनगर ने 20 जून को बरलूट थानाधिकारी को अपने खेत को नुकसान पहंुचाने के संबंध में रिपोर्ट दी। इसी तरह भलाराम निवासी कैलाशनगर ने 19 जून को बरलूट थानाधिकारी को रिपोर्ट दी। सरकारी एनिकट को तोडने के संबंध में श्रवणसिंह राव कैलाशनगर ने 1 जुलाई को बरलूट थानाधिकारी को रिपोर्ट दी। किसानों ने सिरोही जिला कलेक्टर को भी 22 जून को इस संबंध में रिपोर्ट दी।
जिला कलेक्टर के कैलाशनगर प्रवास के दौरान किसानांे ने उनसे व्यक्तिगत आग्रह भी किया। झाडोली सरपंच ने अवैध रूप से खुदाई करने के संबंध में एसपी व कलेक्टर को ज्ञापन भेजा। लोढा ने आरोप लगाया कि ठेकेदारों ने कुछ किसानों से तो भूमि को अवाप्ति से बाहर निकालने के लिए रकम भी वसूल की है। उन्होंने इस प्रकरण की जांच का अनुरोध किया है।