भोपाल। मध्य प्रदेश के व्यापम यानी मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल घोटाले में आरोपियों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
कांग्रेस महासचिव ने बताया कि अब तक 41 आरोपियों की मौत हो गई है लेकिन मध्य प्रदेश के व्यापम से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रकरण दर्ज होने के 7 जुलाई 2013 से अब तक कुल 14 लोगों की मृत्यु प्रतिवेदित है। जिनमें 6 एक्सीडेन्ट, 2 आत्महत्या और 6 विभिन्न बीमारियों से मृत्यु हुई है।
इन मृतकों में से 4 की मृत्यु मध्यप्रदेश के बाहर हुई है जिसकी जांच उन प्रदेशों के पुलिस द्वारा की जा रही है। जिन लोगों के मृत्यु हुई है उनके संबंधित प्रदेशों की पुलिस ने किसी भी षड़यंत्र में होने की पुष्टि नहीं की है।
प्रकरण दर्ज होने के पश्चात आरोपी के मृत्यु होने के बाद तस्दीक में अधिकांशतः यह पाया गया कि कुछ आरोपी अत्यधिक मध्यपान, हार्ट अटैक, लीवर इन्फेक्शन आदि बीमारी के कारण मृत्यु हुई है। रावेन्द्र प्रकाश की मृत्यु जहर पीकर आत्महत्या करने की बात कही गई है। बाकि की मृत्यु दुर्घटना के कारण हुआ है।
शासकीय नौकरियों के लिए आयोजित व्यापम की विभिन्न परीक्षाओं में की गई अनियमितताओं से संबंधित अभी तक कुल 55 प्रकरणों को दर्ज किया गया है जिनमें 2500 आरोपी गिरफ्तार किये जा चुके है।
नरेंद्र पर किसी और के नाम पर पीएमटी की परीक्षा देने का आरोप था। व्यापम घोटाले में तोमर सहित अब तक 40 लोगों की मौत होने की भी ख़बर है लेकिन ये सभी मौत संदिग्ध बताई जा रही हैं।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के व्यापम में हुई अनियमितताओं के संबंध में 2013 में प्रकरण दर्ज किया गया था। जिनमें परीक्षाओं में व्यावसायिक परीक्षा के अधिकारियों की मिलीभगत से की गई अनियमितताओं की व्यापकता को देखते हुए यह प्रकरण राज्य शासन द्वारा एसटीएफ को हस्तांतरित किया गया था।
इसके बाद भी निराकरण न होने पर उच्च न्यायालय में कई जनहित याचिकाएं दायर की गई। इन जनहित याचिकाओं का निराकरण करते हुए उच्च न्यायालय ने स्वयं की निगरानी में इस प्रकरण की जॉच की नियमित मानिटरिंग की गई। जिसमें एसटीएफ द्वार जांच किए गए कुछ आदेशों की उच्च न्यायालय ने प्रशंसा भी की है।