एंटी हाईजैक बिल 2014
नई दिल्ली । केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने व्यापक एंटी हाइजेक बिल 2014 को संसद के मौजूदा सत्र में पेश करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान करने के साथ राज्यसभा में पेश एंटी हाइजेक(संशोधित) विधेयक 2010 को वापस लेने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दे दी। मौजूदा कानून एंटी हाइजेक एक्ट 1982 को 1994 में संशोधित किया गया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल में व्यापक एंटी हाइजेक बिल 2014 को मंजूरी दी गई। दिसंबर 1999 में इंडियन एयरलाइंस फलाइट आईसी-814 का अपहरण होने के बाद विमान का अपहरण करने वाले को फांसी की सजा देने की जरूरत महसूस की गई थी। अमेरिका की 9/11 की घटना के बाद मौजूदा कानून में और संशोधन करने की जरूरत पडी। इस घटना में विमान को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया था।
गौरतलब है कि अगस्त 2010 में राज्यसभा में एंटी हाइजेक(संशोधित) विधेयक 2010 को पेश किया गया था। विधेयक में संशोधन के दौरान अगस्त-सितंबर 2010 में चीन के बीजिंग में वैश्विक राजनयिक सम्मेलन हुआ था और भारत इस सम्मेलन में बीजिंग प्रोटोकॉल का एक सिग्नेचरी है।
इस प्रोटोकॉल में विमान अपहरण के दायरे को व्यापक बनाया गया है जिसमें न्यायाधिकरण का विस्तार और प्रत्यावर्तन को मजबूत और आपसी सहयोग की व्यवस्था और प्रत्यावर्तन को सुदृढ़ किया गया है। विधेयक में विमान अपहरण के अपराध में फांसी की सजा का प्रावधान किया गया। ऐसे व्यक्ति की अचल संपत्ति को जब्त किया जा सकता है। नये व्यापक एंटी हाइजेक विधेयक 2014 में बीजिंग प्रोटोकॉल 2010 का अनुमोदन किया गया है।