विवेकानंद शर्मा
जयपुर। राजस्थान के कई इलाकों में एक लोकोक्ति अकसर बोली जाती है कि अमुक का तो डीडवाना डूब गया। यही बात इन दिनों प्रदेश की भाजपा सरकार के लिए भी सही साबित होती दिख रही है।
डीडवाना में लगे राष्ट्रविरोधी नारों से भाजपा सरकार का चाहे बाल भी बांका न हुआ हो लेकिन राष्ट्रवाद का झूठा दम्भ भरने वाले फर्जी स्वयंसेवक रूपी मंत्रियों का ईमान तो डूब ही गया। यूं तो राजस्थान की गिनती शांत प्रदेश के रूप में होती है, किन्तु पिछले कुछ समय से धोरों की धरती का पानी भी बदल रहा है।
बाड़मेर जैसलमेर में पाकिस्तानी जासूस पकडे जा रहे हैं, वहीँ दूसरी तरफ आनंदपाल विपक्ष के लिए आनंद का विषय बना हुआ है। राजस्थान में कुछ स्थानों पर देशविरोधी नारे पहले भी लगे हैं किन्तु पुलिस तुरंत हरकत में आती थी। इस बार बवाल इसलिए ज्यादा मचा क्योंकि एक तो पुलिस की सुस्त रफ़्तार और ऊपर से आरोपियों की जेब में सरकार।
जी हां, देशविरोधी नारे के जिस वायरल वीडियो की चर्चा है, बताया जा रहा है कि उसमें मुस्लिम समाज के कुछ भाजपा पदाधिकारी दिखाई दे रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि ये पदाधिकारी सरकार में सबसे लाडले मंत्री यूनुस खान के कार्यकर्ता हैं। बवाल की असली जड़ यही है।
आरोपियों के प्रति दिखाई गई सदाशयता सरकार की राष्ट्रवादी छवि को तार तार करती है। वैसे भी जयपुर में मंदिर तोड़कर वसुंधरा राजे की यह सरकार राष्ट्रवादियों की आंखों में चुभ रही है। रही सही कसर डीडवाना ने पूरी कर दी।
खास बात यह है कि भाजपा के दिग्गज नेता घनश्याम तिवाड़ी ने इस मुद्दे को तुरंत लपक लिया और दीनदयाल वाहिनी को इसका लाभ भी मिलेगा। स्थितियां ऐसे ही चलती रही तो संभव है कि अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में घनश्याम तिवाड़ी अलग से ताल ठोक दें तथा प्रदेश की जनता के सामने असली भाजपा बनाम नकली भाजपा के द्वन्द का बिगुल बजा दें।
घनश्याम तिवाड़ी भी संघ की पाठशाला से निकले हुए राजनीतिज्ञ हैं इसलिए समय के अनुसार जनता की नब्ज भी पकड़ना जानते हैं। बहरहाल डीडवाना प्रकरण के बाद यूनुस खान पर लगे आरोपों ने सरकार की कलई खोल दी है। आश्चर्य की बात है कि इस विषय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तथा बजरंग दल, विश्व हिन्दू परिषद के अनेक कार्यकर्ताओं को भी प्रशासन के कोप का भाजन बनना पड़ा है।
संघ के लिए भी राजस्थान में यह समय आत्म मंथन का है। लगभग आठ साल से प्रदेश भाजपा में संगठन मंत्री अर्थात संघ के प्रतिनिधि की कुर्सी खाली है। ऐतिहासिक बहुमत से प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी। फिर मंदिर टूटे, हिंगोनिया गौ शाला में गायों की बेकद्री हुई और अब भाजपा वाले ही डीडवाना में राष्ट्रविरोधी नारे लगा भी रहे हैं, विरोध करने पर संघ परिवार वालों को ही प्रताड़ित भी कर रहे हैं तो लगता है इस सरकार का डीडवाना तो डूब कर ही रहेगा। आगे रामजी की मर्जी।