नई दिल्ली। हार्दिक पटेल मामले में आरक्षण के खिलाफ गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जेबी पारदीवाला द्वारा की गई असंवैधानिक टिप्पणियों पर राज्यसभा सदस्यों ने नाराजगी जताई है। साथ ही कहा कि मामले को लेकर न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग चलाया जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि हार्दिक पटेल के खिलाफ एक विशेष आपराधिक आवेदन पर फैसला देते हुए न्यायाधीश पारदीवाला ने व्यवस्था दी थी कि दो चीजों ने देश को बर्बाद कर दिया है या उसे सही दिशा में आगे नहीं बढ़ने दिया। पहला आरक्षण और दूसरा भ्रष्टाचार।
राज्यसभा सासंदों ने कहा कि इस दौरान न्यायाधीश पारदीवाला ने देश में लागू आरक्षण को लेकर एक संविधान विपरीत बयान दिया था।
याचिका में सांसदों ने कहा कि उन्हें देश की अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए नीति के संबंध में बने संवैधानिक प्रावधानों की कोई जानकारी नहीं है। ये चीजें असंवैधानिक हैं और भारत के संविधान के प्रति कदाचार के बराबर हैं जो न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग के लिए एक आधार तैयार करती हैं।
शुक्रवार को राज्यसभा के 58 सदस्यों ने उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति हामिद अंसारी को एक याचिका देते हुए कहा कि पटेल समुदाय द्वारा ओबीसी दर्जे की मांग को लेकर जारी आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल के एक विशेष आपराधिक आवेदन पर फैसला देते हुए न्यायाधीश पारदीवाला ने जो कहा था वो संविधान के विपरीत है। इसलिए उनके खिलाफ महाभियोग चलाया जाना चाहिए।