नार्थ साउंड। अजिंक्य रहाणे (60) और महेंद्र सिंह धोनी (54) की धीमी अर्धशतकीय पारियों पर जेसन होल्डर का पंजा हावी पड़ा और विंडीज ने रविवार देर रात खेले गए चौथे वनडे मैच में भारत को 11 रनों से हरा दिया।
भारत ने पहले गेंदबाजी करते हुए विंडीज को निर्धारित 50 ओवरों में नौ विकेट पर 189 रनों से आगे नहीं जाने दिया, लेकिन उसके बल्लेबाज इस मामूली से लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाए पूरी टीम दो गेंद शेष रहते 178 रनों पर पवेलियन लौट गई।
वेस्टइंडीज के लिए कप्तान ने अपनी जिम्मेदारी निभाई और पांच विकेट लेकर टीम की जीत में अहम योगदान दिया। उनके अलावा अल्जारी जोसेफ ने दो विकेट लिए। केसरिक विलियम्स, देवेंद्र बिशू, एशले नर्स ने एक-एक विकेट लिया।
इस जीत के बाद विंडीज ने सीरीज में बराबरी की उम्मीदों को जिंदा रखा है। भारत अभी भी सीरीज में 2-1 से आगे है। पहला मैच बारिश के कारण रद्द हो गया था जबकि दूसरे और तीसरे मैच में भारत को जीत मिली थी।
आसान से लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारत की शुरुआत खराब रही। भारत ने शिखर धवन (5) और कप्तान विराट कोहली (3) के रूप में अपने तीन विकेट महज 47 रनों के कुल स्कोर पर खो दिए थे।
धवन को तीसरे ओवर की पहली गेंद पर 10 के कुल स्कोर पर अल्जारी जोसेफ ने आउट किया। कोहली को होल्डर ने 25 के कुल स्कोर पर पवेलियन भेजा। इस सीरीज में अपना पहला मैच खेल रहे दिनेश कार्तिक (2) भी कुछ खास नहीं कर पाए।
इसके बाद रहाणे और धौनी ने टीम को संभालने की कोशिश की लेकिन इन दोनों खिलाड़ियों ने बेहद धीमा खेल दिखाया। दोनों ने चौथे विकेट के लिए 54 रनों की साझेदारी की। अपने अक्रामक अंदाज के लिए मशहूर धौनी ने इस मैच में अपने करियर की सबसे धीमी पारी अर्धशतकीय पारी खेली।
उन्होंने अपनी पारी में 114 गेंदें खेलीं और सिर्फ एक चौका लगाया। उन्होंने अपना अर्धशतक 108 गेंदों पर पूरा किया। यह उनके करियर का और 2001 के बाद किसी भी भारतीय बल्लेबाज द्वारा लगाया गया सबसे धीमा अर्धशतक है।
हालांकि उन्होंने जब अपने 50 रन पूरे किए तब तक रहाणे पवेलियन लौट चुके थे। रहाणे 101 के कुल स्कोर पर आउट हुए। उन्होंने अपनी पारी में 91 गेंदें खेलीं और सात चौके लगाए।
केदार जाधव (10), हार्दिक पांड्या (20), रवींद्र जडेजा (11) भी कुछ खास नहीं कर पाए और 173 के कुल स्कोर पर 47.3 ओवर तक यह तीनों भी पवेलियन लौट लिए थे।
टीम की जीतने की जिम्मेदारी अब धोनी पर थी, लेकिन बड़ा शॉट खेलने के प्रयास में वह सीमा रेखा पर जोसेफ के हाथों लपके गए। यहां से भारत की जीत की उम्मीदें पूरी तरह से खत्म हो चुकी थीं। धौनी का विकेट 176 के कुल स्कोर पर गिरा। इसी स्कोर पर उमेश यादव भी आउट हो गए। दो रन बाद मोहम्मद शमी के रूप में भारत का आखिरी विकेट गिरा।
इससे पहले, विंडीज ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी, लेकिन उसके बल्लेबाज भारतीय गेंदबाजों की सटीक लाइन-लेंग्थ के कारण खुलकर नहीं खेल पाए और मेजबान टीम पूरे 50 ओवर खेलने के बाद नौ विकेट खोकर 189 रन ही बना सकी।
विंडीज की शुरुआत बेहद धीमी रही। उसने अपने 50 रन पूरे करने के लिए 15.2 ओवर लिए। एविन लुइस (35) और काइल होप (35) की सलामी जोड़ी रनों के लिए संघर्ष कर रही थी। 57 के कुल स्कोर पर हार्दिक पांड्या ने इस जोड़ी को तोड़ा। उन्होंने काइल को केदार जाधव के हाथों कैच कराया।
बेहतरीन फॉर्म में चल रहे कुलदीप ने लुइस की पारी का अंत 80 के कुल योग पर किया। यहां से नियमित अंतराल पर विकेट गिरते रहे।
रोस्टन चेस (24) रंग में आते इससे पहले ही कुलदीप ने उन्हें क्लीन बोल्ड कर दिया। शाई होप भी 25 रनों की अपनी पारी को बड़ी पारी में तब्दील नहीं कर पाए और पांड्या का दूसरा शिकार बने। वह 136 के कुल स्कोर पर आउट हुए।
कप्तान होल्डर ने 11 रनों का योगदान दिया। वह कुलदीप यादव की गेंद पर विकेट के पीछे महेंद्र सिंह धौनी के हाथों लपके गए। कुछ देर बाद केरन पावेल (2) भी पवेलियन लौट गए।
एशले नर्स (4) और देबेंद्र बिशु 15 रनों का योगदान द सके। जोसेफ पांच और केसरिक विलियम्स दो रन बनाकर नाबाद लौटे।
भारत की तरफ से उमेश यादव और हार्दिक ने तीन-तीन विकेट लिए। कुलदीप को दो सफलता मिली। 2015 के बाद अपना पहला वनडे खेल रहे मोहम्मद शमी किफायती साबित हुए। उन्होंने अपने कोटे के 10 ओवरों में दो मेडेन ओवर फेंके और 33 रन दिए।