नई दिल्ली। एंट्रिक्स-देवास मामले में यहां की एक अदालत ने शनिवार को इसरो के पूर्व अध्यक्ष जी. माधवन नायर व अन्य को जमानत दे दी।
विशेष न्यायाधीश संतोष स्नेही मान ने नायर, इसरो के तत्कालीन निदेशक ए. भास्कर नारायण राव और एंट्रिक्स के तत्कालीन कार्यकारी निदेशक केआर श्रीधर मूर्ति को 50 हजार रुपए के निजी मुचलके और इतने ही रुपये की जमानत राशि जमा करने के बाद जमानत दी।
आरोपियों को सितंबर माह में समन जारी किया गया था, जिसके अनुसार वे अदालत में पेश हुए थे। न्यायालय ने इन लोगों को बिना इजाजत देश छोड़ने और सबूत से छेड़छाड़ नहीं करने के निर्देश दिए।
न्यायालय ने अंतरिक्ष विभाग की पूर्व अतिरिक्त सचिव वीना एस. राव की व्यक्तिगत पेशी से छूट की याचिका को स्वीकृति दे दी। उन्होंने एक सरकारी बैठक के कारण व्यक्तिगत पेशी से छूट मांगी थी।
देवास-एंट्रिक्स सौदे में सरकारी खजाने को 578 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाने के लिए इसरो के पूर्व अध्यक्ष नायर, वीना.एस. राव, भास्कर नारायण राव व अन्य के खिलाफ 11 अगस्त, 2016 को आरोप-पत्र जारी किया गया था।
गौरतलब है कि इसरो और भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी की वाणिज्यिक इकाई एंट्रिक्स और निजी मल्टीमीडिया कंपनी देवास के बीच समझौता हुआ था।
इस मामले में अमरीका स्थित फोर्ज एडवाइजर्स के पूर्व प्रबंध निदेशक और देवास के सीईओ रामचंद्र विश्वनाथन और देवास के तत्कालीन निदेशक एमजी चन्द्रशेखर और बेंगलुरू स्थित देवास मल्टीमीडिया के तीन पूर्व निदेशकों के खिलाफ भी आरोप-पत्र दर्ज किया गया था।
सीबीआई ने इन सब पर खुद को फायदा पहुंचाने और अपने पद का फायदा उठाकर एंट्रिक्स कॉरपोरेशन और इसरो को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया था। आरोपियों के खिलाफ 16 मार्च, 2015 को इस संबंध में मामला दर्ज किया गया था।