नई दिल्ली। लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों के मामले में सोमवार को बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। ठाकुर ने अपने हलफनामे में कहा, ‘पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर ने उनके द्वारा लिए गए स्टैंड के बारे में मुझे बताया था, मामला कोर्ट में लंबित था और इस पर फैसला नहीं आया था।’
बीसीसीआई और लोढ़ा पैनल की सिफारिशों को लागू करने में गतिरोध जारी है। बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने इस बात से इनकार किया कि उन्होंने आईसीसी सीईओ से यह कहने को कहा था कि बीसीसीआई के कामकाज में लोढ़ा समिति की सिफारिशें सरकारी दखल के समकक्ष हैं। ठाकुर ने सात अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट से मिले निर्देश के बाद सोमवार को निजी हलफनामा दाखिल किया।
ठाकुर ने कहा कि उस समय बीसीसीआई अध्यक्ष रहे शशांक मनोहर ने कार्यसमिति में सीएजी प्रतिनिधि को सरकारी दखल के समकक्ष बताया था। छह और सात अक्टूबर को आईसीसी के गवर्निंग बॉडी की बैठक हुई थी।
क्या है मामला
दिल्ली पुलिस ने 2013 में आईपीएल टीम राजस्थान रॉयल के तीन खिलाड़ियों को मैच के दौरान स्पॉट फिक्सिंग में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इसी मामले में चेन्नई सुपर किंग्स के सीईओ गुरुनाथ मयप्पन की भी गिरफ्तारी हुई। मयप्पन तत्कालीन बीसीसीआई प्रेसिडेंट एन. श्रीनिवासन के दामाद हैं। इस मामले की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस मुकुल मुद्गल के नेतृत्व में मुद्गल कमेटी बनाई। 2014 में जस्टिस मुद्गल ने बीसीसीआई में सुधार की बात अपने रिपोर्ट में कही थी।