मुंबई। बीसीसीआई के नए अध्यक्ष अनुराग ठाकुर बने हैं। सबसे युवा अध्यक्ष के रूप में बीसीसीआई अध्यक्ष का पदभार संभालने वाले ठाकुर ने ऐसे दौर में संस्था का पदभार संभाला है जब सुप्रीमकोर्ट की आूम चूल बदलावों की सिफारिशों के खिलाफ अस्तित्व की लडाई परवान पर है।
मूलत: हिमाचल के हमीरपुर जिले से तीन बार सांसद चुने गए ठाकुर के लिए बीसीसीआई के अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी का निर्वहन कुछ आसान नहीं होगी। उनका यह कार्यकाल सितंबर 2017 तक होगा। अगर लोढा समिति की सिफारिशें लागू की जाती है तो ठाकुर को अनिवार्य रूप से तीन साल तक की अवधि का इंतजार करना होगा।
साथ ही सुप्रीमकोर्ट के फैसले के बाद बीसीसीआई की कार्यप्रणाली में बहुत तेजी से बदलाव करना होगा। इस बात में कोई संदेह नहीं कि हिमाचल के पूर्व सीएम प्रेम कुमार धुमल के बेटे अनुराग रानीतिज्ञ है और अपनी कुशल प्रशासनिक शैली से काम करेंगे जो पूर्व अध्यक्ष श्रीनिवासन और शशांक मनोहर से अलग ही होगी।
अनुराग को जुझारू व्यक्तित्व वाला माना जाता है, उनकी साफगोई से सभी भली भांति परिचित हैं। वे बीसीसीआई के उन अधिकारियों में शामिल थे जिन्होंने तत्कालीन अध्यक्ष श्रीनिवासन को फिक्सिंग प्रकरण के बाद अपने पद से स्वत इस्तीफा दे देने के लिए कह दिया था।
हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ के अध्यक्ष रहते हुए ठाकुर के प्रयासों से ही धर्मशाला में धौलाधर रेंज में स्थिति क्रिकेट स्टेडियम बन पाया। धर्मशाला के अलावा, हिमाचल के बिलासपुर, उना, अमतर, प्रगति नगर और लाल पानी में आधुनिक क्रिकेट ढांचे मौजूद हैं। बिलासपुर और उना ने बीसीसीआई के वरिष्ठ स्तर के मैचों की मेजबानी की है।
युवा होने के नाते ठाकुर का राष्ट्रीय टीम के बीते और मौजूदा क्रिकेटरों से बेहतर तालमेल है।ठाकुर जब बीसीसीआई सचिव बने थे तब युवराज सिंह, हरभजन सिंह, आशीष नेहरा सरीखे खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय टीम में वापसी की तथा सीनियर चयन समिति के समन्वयक बन गए।
सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली जैसे सीनियर खिलाड़ी उन्हें उनके पहले नाम से पुकारते हैं और वह ऐसे व्यक्ति हैं जो 25 साल की उम्र में हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ के अध्यक्ष बनने के बाद अपने राज्य की टीम के खिलाड़ियों के लिए हमेशा उपस्थित रहे।
उन्होंने हाल में निचले सदन में निजी सदस्य विधेयक पेश किया जिसमें किसी भी खिलाड़ी के मैच फिक्सिंग में शामिल होने के बाद 10 साल की जेल सजा दिए जाने का प्रावधान है।
दिल्ली में निचली अदालत ने हाल में प्रतिबंधित और कथित फिक्सर एस श्रीसंत के खिलाफ मकोका के आरोप खारिज कर दिए, लेकिन ठाकुर ने केरल के इस तेज गेंदबाज पर से आजीवन बैन को नहीं हटाने का फैसला जारी रखा।