मुंबई। मशहूर टीवी शो ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में सविता मनसुख विरानी का किरदार निभाकर लोकप्रियता हासिल करने वाली अभिनेत्री अपरा मेहता का कहना है कि छोटे पर्दे के धारावाहिकों में पुरुषों और महिलाओं के बीच संतुलन होना चाहिए, इन्हें किसी एक के पक्ष में ज्यादा केंद्रीकृत नहीं होना चाहिए।
‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ की कहानी दमदार थी : अपरा मेहता
अपरा ने यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि छोटा पर्दा महिला प्रधान ज्यादा है, तो उन्होंने बताया कि हां, इसे संतुलित होना चाहिए..यह वास्तविकता है कि यह सिर्फ महिला केंद्रित नहीं हो सकता।
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उन्होंने कहा कि लेकिन हम जैसे कलाकार इस मोड़ पर फिल्मों में काम नहीं करने जा रहे, मैंने जो भी फिल्में की हैं, वे किन्हीं और वजहों से की हैं। फिल्म ‘देवदास’ के लिए संजय लीला भंसाली ने मुझे खुद फोन किया, ऐसे में कोई सवाल करने का मतलब नहीं बनता। पिछली फिल्म मैंने फराह खान की ‘तीस मार खान’ की थी.. मतलब भूमिका अच्छी होनी चाहिए।
अपरा पिछले दो दशकों से छोटे पर्दे का हिस्सा रही हैं। उनका मानना है कि टीवी शोज में महिलाओं के लिए करने को बहुत कुछ है, क्योंकि उन्हें अच्छी कहानी और भूमिकाएं मिल रही हैं। अपरा फिलहाल एंड टीवी पर प्रसारित हो रहे शो ‘बकुला बुआ का भूत’ में नजर आ रही हैं।