रामेश्वरम। पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम को उनके जन्मस्थली रामेश्वरम में पूरे राजकीय सम्मान के साथ सुपुर्दे-ए-खाक किया गया।
उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री मनोहर पर्रिकर, वैंकया नायडू, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया समेत कई गणमान्य लोग मौजूद थे।
तबीयत खऱाब होने की वजह से तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता शामिल नहीं हो पायी, पर उनकी सरकार के कई मंत्री मौजूद थे। जनता के राष्ट्रपति कहे जाने वाले कलाम के बड़े भाई एम मोहम्मद मीरन मर्राइकर और उनके पूरे परिवार की इच्छानुसार कलाम का अंतिम संस्कार किया गया।
उनकी अंतिम यात्रा में जन सैलाब उमड़ पड़ा। उनकी अंतिम झलक पाने के लिए बड़ी संख्या में लोग अश्रुपूरित नेत्रों के साथ कतारों में खड़े रहे।
रामेश्वरम की धरती के सबसे प्रसिद्ध सपूत और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के पार्थिव शरीर बुधवार को विशेष विमान से उनके गृहनगर रामेश्वरम लाया गया। नई दिल्ली से जब पूर्व राष्ट्रपति का पार्थिव शरीर यहां लाया गया तो लोगों के चेहरे पर अपने चहेते राष्ट्रपति के इस संसार से चले जाने का दु:ख साफ दिखाई दे रहा था।
जनता के राष्ट्रपति कहे जाने वाले कलाम के पार्थिव शरीर को लोगों के अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए यहां न्यू बस स्टैंड के पास लाया गया और इस दौरान मंडपम से रामेश्वरम तक दस किलोमीटर के मार्ग पर दोनों ओर लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए खड़े थे।
हजारों लोगों ने कलाम के पार्थिव शरीर के रामेश्वरम तक लाए जाने का धीरज के साथ इंतजार किया। फूलों से सजी गाड़ी में जब कलाम के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार वाले स्थान पर ले जाया जा रहा था, तब फिजाओं में ‘भारत माता की जय’ का उद्घोष हो रहा था।
लगभग साढ़े तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित मस्जिद तक के इस सफर में कलाम के पार्थिव शरीर के साथ तीनों सेनाओं के जवान चल रहे थे। कलाम के पार्थिव शरीर के साथ इस अवसर पर उनके परिवार के सदस्य मौजूद थे। इन सदस्यों में उनके सबसे बड़े भाई 99 वर्षीय मोहम्मद मुत्थु मीरा लेब्बई मरईकर भी शामिल थे।
गौरतलब है कि 83 वर्षीय पूर्व राष्ट्रपति का सोमवार शाम को शिलांग में निधन हो गया था। तमिलनाडु और पड़ोसी राज्य पुडुचेरी की सरकारों ने कलाम के सम्मान में आज सरकारी अवकाश घोषित किया है।
उनके निधन पर देश में सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है। इससे पहले नई दिल्ली से भारतीय वायु सेना के विशेष विमान से कलाम के पार्थिव शरीर को मदुरै हवाईअड्डे पर लाया गया था जहां, तमिलनाडु के राज्यपाल के. रोसैया ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए।