नई दिल्ली। पिछले सात वर्षों की जद्दोजहद के बाद अंततः देश में जनरल एंटी एवॉयडेंस रूल्स (गार) लागू हो जाएगा। यानी अब देशी-विदेशी कंपनियां और शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले संस्थागत निवेशक भारत व दूसरे देशों के बीच दोहरे कराधान समझौतों की आड़ में कर बचाने की जुगत नहीं कर पाएंगे।
सबसे पहले तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने वर्ष 2012 में इसे लागू करने की कोशिश की थी लेकिन भारी विरोध के बाद इसे टाल दिया गया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वर्ष 2015-16 का बजट पेश करते हुए यह एलान किया था कि इसे अप्रैल, 2017 से लागू किया जाएगा। शुक्रवार को वित्त मंत्रालय ने इस बारे में स्पष्ट कर दिया है कि यह पूर्व घोषणा के मुताबिक लागू हो जाएगा।
सरकार ने यह भी कहा कि यदि निवेश को किसी अन्य देश से लाने के पीछे मंशा केवल वाणिज्यिक है और इसका उद्देश्य भारत में कर से कन्नी काटना नहीं है तो उस पर गार लागू नहीं होगा। गार का उद्देश्य कंपनियों को केवल कर भुगतान से बचने के लिए सौदे के दूसरे देशों के रास्ते करने से रोकना है।
क्या है गार
भारत और दूसरे देशों के बीच दोहरे कराधान निवारण संधियों की आड़ में टैक्स चोरी रोकने का नियम है गार।