कोलकाता/नई दिल्ली। मुख्यमंत्री ममती बनर्जी की मांग पर राज्य सचिवालय ‘नबन्ना’ के पास स्थित टोल प्लाजा से आर्मी को हटा लिया गया है। हुगली नदी पर बने दूसरे पुल पर स्थित टोल प्लाजा से भी आर्मी का टेंपररी शेड भी हटाया जा चुका था।
शुक्रवार सुबह 7 बजे भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सचिवालय में ही डेरा जमाई हुई हैं। उन्होंने सेना की तैनाती को असंवैधानिक बताते हुए राष्ट्रपति से केंद्र सरकार की शिकायत करने का मन बनाया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था कि उसने राज्य सरकार को सूचित किए बगैर कुछ टोल प्लाजा पर सेना की तैनाती कर दी है।
वहीं एक रक्षा प्रवक्ता ने कहा था कि लोड कैरियर्स के बारे में आंकड़े हासिल करने के लिए सेना द्वारा देशभर में किए जाने वाले द्विवार्षिक अभ्यास को लेकर चिंतित होने की कोई वजह नहीं है। हालांकि, ममता ने कहा था कि उनका इरादा राजनीतिक, असंवैधानिक, बदले की भावना, अनैतिक, अलोकतांत्रिक है।
मैंने निर्णय किया है कि जब तक सेना को इस सचिवालय के सामने से नहीं हटाया जाता है, मैं यहां से नहीं जाउंगी। मैं आज रात यहां ठहरूंगी। क्या इस देश में सेना द्वारा तख्ता पलट किया जा रहा है?
उधर ममता के तीखे तेवरों के चलते संसद के शीतकालीन इस सत्र में दोनों सदनों में पहले ही दिन से बना गतिरोध शुक्रवार को बरकरार रहने तथा हंगामा और शोरशराबा बढ़ने के आसार हैं।
अभी तक नोटबंदी, ममता बनर्जी के विमान की लैंडिंग और राहुल गांधी के ट्विटर अकाउंट हैक होने जैसे मुद्दों को लेकर सदन में विपक्ष हंगामा करता रहा है लेकिन आज टीएमसी के सांसद पश्चिम बंगाल में सेना की तैनाती के मुद्दे को लेकर संसद के दोनों सदनों में हंगामा करने के मूड में हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बीती रात से ही राज्य के टोल बूथों और दूसरे कुछ क्षेत्रों में सेना के जवानों की आमद को लेकर भन्नाई हुई हैं। हांलांकि सरकार ने इसे सेना के रूटीन अभ्यास बताया है और सेना ने भी किसी तैनाती जैसी बात से इनकार किया है।
फिलहाल आज इतना तो तय है संसद में टीएमसी के सांसद सेना के इस मुद्दे को लेकर संसद के दोनों सदनों में हंगामा करेंगे। क्योंकि सुदीप बंदोपाध्याय पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि टीएमसी दोनों सदनों में सेना तैनाती का मामला उठाएगी।