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कुछ खास था इन चाय की चुस्कियों में - Sabguru News
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कुछ खास था इन चाय की चुस्कियों में

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सिरोही। यूं आम बात है सिरोही नगर परिषद के मुख्यद्वार के पास स्थित गमु की चाय की चुस्कियां लेने वालों का मजमा लगा होना, लेकिन गुरुवार की सर्द शाम में अदरक और कालीमिर्च की खुशबू के साथ चाय के कप से उठता धुआं चुस्कियों के साथ शहर के मौजिज लोगों की मौजूदगी ने इसे मजमे को खास बना दिया था। शहर के मौजीज लोगों को हाथों में आम जिंदगी काम आने वाली कानूनी जानकारी छपे कागज के कप से चाय की चुस्कियां लेते देखा तो यह चैराहा और खास बन गया। लोगों का मजमा लगने लगा और कानूनी जानकारी देने के लिए चाय की थडियों की चर्चा को सकारात्मकता देने के लिए लीगल मित्र की ओर से अपनाए गए रास्ते को सराहा भी जाने लगा।

कवियित्री वर्षा मिश्रा की ये पंक्तियां आज ताजा हो गई कि
जो कुछ घुमडता था मन में हमारे खयालों में।
उडेल दिया यारों के संग आज चाय के प्यालों में।

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पास ही बस स्टैण्ड और टैक्सी स्टैण्ड है और शहर के सर्वाधिक ट्राफिक वाला रोड जंक्शन होने के कारण यहां ट्राफिक सेंस की कानूनी जानकारी से बेहतर कोई मुददा हो भी नहीं सकता था तो आॅप्टिशियन प्रीतम काशिवा ने इस बात को वाकई चिंताजनक बताया कि सडक दुर्घटनाओं में होने वाली अधिकांश मौतों के पीछे लोगों में ट्राफिक सेंस की पालना और जानकारी की कमी भी प्रमुख वजह है। उनका मानना था कि लोगों में पार्किंग सेंस के अभाव ने स्थिति को और भी चिंताजनक बना दिया है।
संजीवनी हाॅस्पीटल के सर्जन डाॅ संजीव जैन ने कहा कि भारत के हाइवे पर वाहन और पैदल चलने वाले दायें चलने की सलाह दी जाती है जबकि होना यह चाहिए कि वाहन तो बांयी ओर चले और पैदल यात्री दाहिनी ओर ताकि हिट एण्ड रन के सेज को टाला जा सके।

special cups with legal information
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शिशु रोग विशेषज्ञ डाॅ राजेश मालवीय ने इस बात की आवश्यकता जताई कि पुलिस और परिवहन विभाग को हाइवे पर सख्त होना चाहिए, उनका मानना है कि उन ट्रेक्टरों पर विशेष कार्रवाई की जानी चाहिए जो बिना रिफलेक्टर के चलते हैं और लोहे के सरिये और चारा समेत अन्य लदान ट्राॅली से बाहर तक भरकर हादसों का कारण बनते हैं।

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सेवानिवृत शिक्षाविद मंछाराम तथा राजस्व अधिकारी तगाराम का कहना था कि जिन चैराहों पर कई रास्ते मिलते हैं वहां पर ब्लिंकर जरूर लगाने चाहिए, इससे चालक सचेत रहेंगें। इससे कोई फर्क नहीं पडता कि यह ब्लिंकर किस रंग के हैं। उनका मानना था कि वैसे हरे और नारंगी ब्लिंकर उचित हैं।
राजकीय स्नतकोत्तर महाविद्यालय के वनस्पति शास्त्र के प्राध्यापक डाॅ संजय पुरोहित इस स्कूल  बच्चों के दो पहिया वाहनों के उपयोग की सख्त मुखालफत की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि परिवहन विभाग के जांच दल को स्कूलों में जाकर इस बात का निरीक्षण करना चाहिए कि दो पहिया वाहन लाने वाले स्कूली बच्चों के पास लाइसेंस है या नहीं। जिन छात्रों के पास लर्निंग या स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होवें उनके वाहनों को जब्त करना चाहिए और उनके अभिभावकों को सख्त हिदायत देने के बाद उन्हें छोडना चाहिए।

मुनिराज टी स्टाॅल के संचालक गमु के लिए भी चाय चेट को इतनी सकारात्मक और ज्ञानवर्धक बनाने का माध्यम होने की जानकारी भी लीगल मित्र के पिक अप ए कप एण्ड स्पीक अप के माध्यम से ही मिली। बकौल गमु निस्संदेह यह अनूठा प्रयास है लोगों में कानूनी जानकारी देने का एक बेहतरीन मंच है।

वैसे इस चाय चैट में सिरोही के मशहूर किटटी के लडडू के स्वाद ने चार चांद लगा दिए। यहां के प्रसिद्ध केटरर्स संचालक धर्मेश कंसारा ने बताया कि किस तरह से मावा, सोंठ, गोंद, चीन समेत अन्य सामग्री इस लडडू को खास बनाती है। नए साल के पहले दिन किटटी के स्वाद और खुशबुदार चाय की चुस्कियों के साथ कानूनी जानकारी पर चर्चा ने इस दिन को कुछ विशेष बना दिया था।

चर्चा के दौरान आसपास आवाजाही करने वाले लोगों के साथ टैक्सी चालक भी एकत्रित हुए और उन्होंने ट्राफिक नियमों की पालना के प्रति विशेष प्रयासों की आवश्यकता जताई।

 

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