नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने डीडीसीए मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित आप पार्टी के नेताओं के खिलाफ आपराधिक और दीवानी मानहानि का मुक़दमा दर्ज कराया। अगर जेटली यह केस जीत जाते हैं, तो केजरीवाल को दस करोड़ रुपए भरने पड़ सकते हैं।
डीडीसीए में कथित घोटाले का सामना कर रहे केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को आप नेताओं के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में मानहानि का सिविल केस तथा पाटियाला हाउस कोर्ट में मानहानि का क्रिमिनल केस दर्ज कराया।
आप पार्टी के जिन नेताओं के खिलाफ जेटली ने मुकदमा दर्ज कराया है, उनमें अरविंद केजरीवाल, कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह, राघव चड्ढा और दीपक बाजपेयी शामिल हैं।
जानकारी हो कि डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली विपक्ष के निशाने पर हैं। भ्रष्टाचार की जांच की मांग पूर्व क्रिकेटर और भाजपा सांसद कीर्ति आजद भी कर रहे हैं। उधर, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने ऊपर लग रहे सभी आरोपों को निराधार बताया है।
जेटली के मुताबिक आप नेताओं ने उन पर और उनके परिवार पर गलत और मनगढंत आरोप लगा कर उनकी छवि धूमिल करने की कोशिश की है।
आजाद ने जेटली को मुकदमा करने की चुनौती दी
डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार का दावा करने वाले भाजपा सांसद कीर्ति आजाद ने ट्वीट करके वित्त मंत्री से सवाल किया है कि वह उन पर मानहानि का मुक़दमा क्यों नहीं कर रहे हैं?
सोमवार को भाजपा सांसद कीर्ति आजाद ने कई ट्वीट किए। ट्वीट में वित्त मंत्री अरुण जेटली से सवाल किया गया है कि वह आजद पर मानहानि का केस क्यों नहीं कर रहे? अरुण जेटली ने उनका नाम क्यों हटा दिया। आपने तो मेरे लेटर देखे थे, मुझ पर करो ना केस।
रजिस्टर्ड पोस्ट से मैंने भेजे थे। ट्वीट के जरिये आजद ने फिर दावा किया है कि फर्जी कंपनियों के बैंक खातों की जांच-पड़ताल के लिए डीडीसीए को बैंकों का विशेष ऑडिट कराने की जरुरत है, तभी रकम के लेन-देन का खुलासा हो सकेगा।
हमें डराने की कोशिश न करें जेटली : केजरीवाल
अपने खिलाफ केस दर्ज होने के बाद केजरीवाल ने कहा कि अरुण जेटली को हमें डराने का प्रयास नहीं करना चाहिए, भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी। केजरीवाल ने कहा कि जेटली को दिल्ली सरकार के जांच आयोग के साथ सहयोग करना चाहिए और अपनी बेगुनाही साबित करनी चाहिए।