नई दिल्ली। कालेधन और आतंकी फंडिंग को रोकने के लिए बंद किए गए 500 रुपये और 1000 रुपये के पुराने नोट से लोगों को भले ही तकलीफ हो रही हो लेकिन सरकार का यह निर्णय और डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ाने की कवायद करदाताओं के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
वित्त मत्री अरुण जेटली ने संकेत दिया है कि विमुद्रीकरण के बाद अघोषित संपत्ति के सिस्टम में आने से सरकार का कर राजस्व बढ़ेगा जिससे प्रत्यक्ष और परोक्ष करों की दरें नीचे आ सकती हैं। जेटली ने गैर कानूनी तौर पर भारी मात्रा में नकदी जमा कर रहे लोगों को चेतावनी भी दी है। वित्त मंत्री का कहना है कि सरकारी एजेंसियां नकदी जमा करने वालों पर नजर रख रहीं हैं और पकड़े जाने पर ऐसे लोगों को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
जेटली ने कहा कि बड़ी धनराशि सिस्टम से बाहर थी। जब यह राशि बैंकों में जमा होगी तो इसका हिसाब लिया जाएगा। जिन लोगों ने टैक्स का भुगतान नहीं किया है, उनसे टैक्स वसूला जाएगा। इसके साथ ही सरकार नकदी से लेन-देन कम करने के लिए डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा दे रही है। ऐसा होने पर भविष्य में डिजिटल माध्यम से भुगतानों की तादाद बढ़ेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि जब डिजिटल पेमेंट्स की तादाद बढ़ेगी तो वे भी टैक्स के दायरे में आ जाएंगे। ऐसे में भविष्य में सरकार को आज की तुलना में काफी अधिक राजस्व मिलेगा। इससे सरकार को प्रत्यक्ष और परोक्ष करों की दरों को तर्कसंगत बनाने में मदद मिलेगी। जेटली ने कहा कि विमुद्रीकरण के साथ-साथ सरकार वस्तु एवं सेवा कर सहित अन्य सुधारों को भी लागू कर रही है।
एक निश्चित सीमा से अधिक नकदी से लेन-देन के लिए पैन की अनिवार्यता से भी समाज में भ्रष्टाचार के स्तर में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि इससे समाज में नकदी के लेन-देन में कमी आएगी जिससे टैक्स की चोरी भी रुकेगी। जेटली ने आगाह किया कि सरकार को पता चला है कि कुछ लोग बैंकिंग सिस्टम तथा अन्य जगहों पर धांधली कर बड़ी मात्रा में गैर कानूनी ढंग से नकदी जमा कर रहे हैं। कानून का उल्लंघन हो रहा है जिससे अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंच रहा है। सरकारी एजेंसियां इस पर नजर रख रही हैं। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।