नई दिल्ली। केन्द्रीय सूचना और प्रसारण, वित्त तथा कॉरपोरेट मामलों के मंत्री अरूण जेटली ने इंडिया 2016 और भारत 2016 के प्रिंट और डिजिटल संस्करणों का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रकाशन विभाग के पुनर्गठन से वैश्विक रूप से ऑनलाइन पाठकों तक विभिन्न सरकारी पत्रिकाओं को डिजिटाइज करने के लिए महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। इस बारे में खुलासा करते हुए उन्होंने कहा कि पुस्तकों का डिजिटल संस्करण प्रकाशित संस्करण के मुकाबले 25 प्रतिशत सस्ता होगा और इससे कागज की खपत कम करने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी बताया कि वार्षिक संदर्भ पुस्तक एक परिसंपत्ति है और सभी हितधारकों के लिए सूचनाओं का भंडार है।
जेटली ने प्रकाशन विभाग के लोकप्रिय पत्रिकाओं और रोजगार समाचार की ऑनलाइन सेवाओं के चंदे का भारत कोष के माध्यम से भुगतान करने की सेवाओं का शुभारंभ भी किया। भारत कोष, वित्त मंत्रालय का गैर कर प्राप्ति पोर्टल है।
ऑनलाइन शुल्क सेवाओं का शुभारंभ करते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रौद्योगिकी का उद्देश्य जटिल मुद्दों के समाधान उपलब्ध कराना है। उन्होंने उल्लेख किया कि भारत कोष पोर्टल से पत्रिकाओं की बिक्री से प्राप्त धनराशि का भारत की समेकित निधि में हस्तांतरण हो जाएगा।
अरुण जेटली ने फ्लिपकार्ट के रूप में ई-कॉमर्स मंच के माध्यम से प्रकाशन विभाग की प्रमुख पुस्तकों के छपे संस्करण की बिक्री की सेवा का भी शुभारंभ किया। संदर्भ पुस्तक 2016 और उनचास अन्य महत्वपूर्ण पुस्तकें अब फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध होंगी।
इस अवसर पर मौजूद सूचना और प्रसारण सविच सुनील अरोड़ा ने कहा कि भारत संदर्भ पुस्तक प्रकाशन विभाग का एक महत्वपूर्ण प्रकाशन है। शिक्षाविदों और विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयारी कर रहे छात्रों के लिए यह तैयार संदर्भ है और इसे भारत के बारे में प्रामाणिक और विश्वसनीय जानकारी की इच्छा रखने वाले हर व्यक्ति को पढ़ना चाहिए।
प्रकाशन विभाग पुस्तकों के डिजिटल संस्करण ऑनलाइन पाठकों के लिए कोबो प्लेटफार्म पर उपलब्ध होंगे। कोबो ऑनलाइन मंच है, जो पाठकों को विभिन्न भाषाओं में उनकी इच्छाओं के अनुसार पुस्तकें उपलब्ध कराता है और यह विश्व का सबसे बड़ा ई-पुस्तक स्टोर हैं।
प्रकाशन विभाग, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन एक मीडिया इकाई है, जो राष्ट्रीय महत्व के विषयों और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के बारे में प्रकाश डालने वाली पुस्तकों का भंडार है। यह हिंदी, अंग्रेजी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में पुस्तकों का प्रकाशन करता है।