नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार को किसानों के कर्ज माफ करने के चुनावी वादे को अपने दम पर ही पूरा करना होगा इसमें केंद्र सरकार कोई मदद नहीं करने जा रही।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में इस बात के संकेत देते हुए कहा कि अगर कोई राज्य सरकार सक्षम है और उस दिशा में बढ़ना चाहती है तो राज्य को अपने संसाधन जुटाने होंगे।
उधर, महाराष्ट्र में भी कांग्रेस और एनसीपी किसानों की कर्ज माफी को लेकर सुर मिलाने लगे हैं। दरअसल, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान किसानों के कर्ज माफी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वादे को लेकर सपा सांसद नरेश अग्रवाल ने राज्यसभा में वित्त मंत्री अरूण जेटली से स्पष्टीकरण मांगा था।
जेटली ने कहा ऐसी स्थिति नहीं आएगी जिसमें एक राज्य की मदद की जाएगी और अन्य राज्य की नहीं। जेटली ने यह बात महाराष्ट्र, पंजाब और राजस्थान जैसे अन्य राज्यों की ओर से किसानों के कर्ज माफ करने की मांग उठने के संबंध में कही।
वित्त मंत्री के जवाब से यह संकेत मिला कि केंद्र सरकार देश के किसी भी राज्य में किसानों के कर्ज माफ करने पर विचार नहीं कर रही है। हालांकि जेटली ने किसी राज्य का नाम नहीं लिया, लेकिन उनकी बात से यह साफ हो गया कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की नई सरकार को राज्य में छोटे और मझोले किसानों के कर्ज माफ करने के अपने वादे को पूरा करने के लिए अपने संसाधन जुटाने होंगे।
हालांकि जेटली का यह बयान केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह के उस बयान के ठीक उलट है जिसमें उन्होंने उत्तर प्रदेश के किसानों की कर्ज माफी की बात कही थी। कृषि मंत्री ने तब कहा था कि कर्ज माफी के पैसे केंद्र देगा।