भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव ने संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती के एक दिन पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा हबीबगंज रेल्वे स्टेशन के समीप उद्घाटित ब्रिज का ’सावरकर सेतु‘ नामकरण किए जाने पर आपत्ति लेते हुए कहा है कि ऐसा कर मुख्यमंत्री ने अपनी मनुवादी विचारधारा का परिचय देते हुए बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान किया है।
यदि मनुवादी विचारधारा के पक्षधरों के दिल और दिमाग में बाबा साहेब के प्रति जरा भी सम्मान होता तो राजधानी भोपाल में बाबा साहेब की जयंती के एक दिन पूर्व उद्घाटित यह ब्रिज ’अंबेडकर ब्रिज‘ के नाम पर उद्घोषित किया जाता।
उन्होंने यह भी कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और उनकी विचारधारा यह स्पष्ट करे कि उनकी निगाह में बाबा साहेब अंबेडकर महान हैं या सावरकर?
बुधवार को जारी अपने बयान में यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और भाजपा द्वारा अचानक उमडी ’अंबेडकर-भक्ति‘ पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा है कि जिस विचारधारा ने बाबा साहेब को ’अपवित्र‘ कहते हुए अपमानित किया हो, उसके राजनीतिक चरित्र से बाबा साहेब का गुणगान मात्र बनावटी राजनीतिक ड्रामे के अलावा कुछ भी नहीं है।
जहां तक बाबा साहेब की जन्मस्थली महू का प्रश्न है, वहां उनके सम्मानार्थ जितने भी बडे कार्य हुए हैं, वह पूर्ववर्ती कांग्रेस शासनकाल के दौरान प्राप्त उपलब्धियों का इतिहास है। पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुनसिंह और दिग्विजयसिंह ने बाबा साहेब के प्रति अपने आदरभाव और पार्टी की रीति-नीति के अनुरूप उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर आधारित अपनी आदरांजलि और राजनीतिक धर्म को निभाया है।
यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से आग्रह किया है कि वे बाबा साहेब की पुण्य जन्मस्थली महू में आगमन के दौरान अपनी कुत्सित विचारधारा को स्पष्ट करें कि इस विचारधारा के सामने अंबेडकर महान हैं या सावरकर?