इटानगर।। अरुणाचल प्रदेश सरकार एक बार फिर से संकट में घिर गई है। सत्ताधारी पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल के अध्यक्ष काहफा बेंगिया ने मुख्यमंत्री पेमा खांडू समेत सात विधायकों को पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप में गुरुवार की रात 10.30 बजे पार्टी से निलंबित कर दिया।
इस बाबत पीपीए अध्यक्ष ने अरुणाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष को एक पत्र लिखकर सातों विधायकों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से बर्खास्त करने संबंधी जानकारी दी। बर्खास्त किए गए विधायकों में मुख्यमंत्री पेमा खांडू, विधायक जामबे ताशी, पासांग दोर्जी सोना, चाउ तेवा मेन, जिग्नु नामचोम, चौना मेन और कामलुंग मोसांग शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि बीते 9 अगस्त को राज्य में पीपीए के नेतृत्व में अरुणाचल में पेमा खांडू ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इतनी जल्दी इस सरकार का पतन होगा, यह किसी ने भी कल्पना नहीं की थी। इस मुद्दे पर पेमा खांडू का अभी तक कोई औपचारिक बयान नहीं आया है।
पीपीए अध्यक्ष के अनुसार खांडू पार्टी को तोड़ने का काम कर रहे थे, जिसके चलते यह कदम उठाया गया। उल्लेखनीय है कि राज्य में पीपीए और भाजपा की गठबंधन सरकार पांच माह पूर्व बनी थी। खांडू सरकार के पतन की वजहों के पीछे क्या कारण है यह अभी तक पता नहीं चल सका है।
अरुणाचल में फिर से एक बार राजनीतिक संकट उत्पन्न हो गया है। पेमा खांडू के पास बहुत ज्यादा विकल्प नहीं बचे हैं। ज्ञात हो कि खांडू के नेतृत्व में कुल 43 विधायक कांग्रेस छोड़कर पीपीए में शामिल हुए थे। वर्तमान में भाजपा के 13, कांग्रेस के 3 व 1 निर्दलीय विधायक हैं।
खांडू समेत 7 विधायकों को पार्टी से निकाले जाने के पीपीए के पास 36 विधायक हैं। इस तरह से पीपीए के पास अभी भी बहुमत है। लेकिन यह भी देखना होगा कि क्या पीपीए के सभी विधायक पार्टी अध्यक्ष के इशारे पर चलने के लिए तैयार हैं या नहीं।
कौन होगा नया सीएम
अरुणाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के लिए पीपुल्स पार्टी आफ अरुणाचल (पीपीए) में कामेंग दोलो, तांगा ब्यालिंग और ताकाम पारियो के नाम पर चर्चा हुई।