इटानगर। शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को सोमवार को उस वक्त तगड़ा झटका लगा जब उसकी अरुणाचल प्रदेश इकाई को भंग कर उसका विलय नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) में कर दिया गया।
भाजपा शासित अरुणाचल प्रदेश में राकांपा इकाई के भंग होने की जानकारी सामने आने से पहले पार्टी के स्थानीय नेताओं ने राकांपा अध्यक्ष शरद पवार पर आरोप लगाया था कि ‘उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के मामलों को लेकर कोई गहरी और सक्रिय रुचि नहीं दिखाई।’
एनपीपी प्रवक्ता नीमा सांगेय सालिंग ने कहा कि हमने और राकांपा के समर्थकों ने राकांपा में विश्वास खो दिया है। पार्टी के किसी भी केंद्रीय नेता ने, यहां तक कि शरद पवार ने भी, कोई गहरी और सक्रिय रुचि नहीं दिखाई न ही कभी राज्य का दौरा किया।
राकांपा के पूर्व उपाध्यक्ष ने कहा कि अरुणाचल कई मुद्दों का सामना कर रहा है। यह चाहे चीन द्वारा अरुणाचल पर बार-बार दावा जताना हो या फिर विकास का मुद्दा हो। उन्होंने (राकांपा सांसदों ने) कभी इन्हें संसद में नहीं उठाया। इस वजह से हमने एनपीपी में विलय का फैसला लिया है।
उन्होंने कहा कि एनपीपी में विलय का फैसला मणिपुर चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन को देखते हुए और ‘एनपीपी के आदिवासियों के हितों की रक्षा और स्थायी विकास के प्रति रुख’ के कारण लिया गया।
इस बीच, एनपीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कोनार्ड के.संगमा ने राकांपा के पूर्व अध्यक्ष गिचो कबक को अरुणाचल प्रदेश में अपनी पार्टी का अध्यक्ष नियुक्त किया है।