नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया कि वह जब मेक इन इंडिया की बात करते हैं तो अपने ही देश में जेवर तैयार कर रहे जौहरियों का गला घोंटने की कोशिश क्यों कर रहे हैं। इसके साथ ही केजरीवाल ने पीएम को वित्तमंत्री अरुण जेटली को मंत्री पद से हटाने की सलाह भी दी है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजीवाल ने नॉन-सिल्वर ज्वैलरी पर एक्साइज ड्यूटी लगाने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव का विरोध करते हुए रविवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर जौरहरियों की रैली को संबोधित किया।
केजरीवाल ने कहा कि सन 2012 में जब यूपीए की सरकार ने एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई थी तो तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका जबर्दस्त विरोध किया था।
उन्होंने उस समय यूपीए की केंद्र सरकार से इसे वापस लेने को कहा था लेकिन स्वयं सत्ता में आते ही उन्होंने जेवरों पर टैक्स बढ़ा दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया कि तब और अब में क्या बदल गया है?
उन्होंने दावा किया कि लोगों ने इंस्पेक्टर राज खत्म करने के लिए उन्हें वोट देकर जिताया लेकिन उन्होंने व्यापारियों को धोखा दे दिया। 2012 में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि एक्साइज ड्यूटी से इंस्पेक्टरराज आएगा, तो आज क्यों इस इंस्पेक्टर राज को लाया जा रहा है।
केजरीवाल ने दावा किया कि स्वर्णकारों का प्रतिनिधि मंडल सभी केंद्रीय मंत्रियों से मिल चुका है, सब एक्साइज ड्यूटी कम करने को तैयार हैं। पर प्रधानमंत्री मोदी इसे कम नहीं करना चाहते।
उन्होंने आरोप लगाया कि वित्तमंत्री अरुण जेटली ने पता नहीं प्रधानमंत्री को क्या बताया है कि वह इसे वापस लेना नहीं चाहते। इतना ही नहीं केजरीवाल ने वित्तमंत्री अरुण जेटली को मंत्री पद से हटाने की सलाह भी दी है।
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि केंद्र ने अम्बानी, अडानी, एसआर, वेदांता, लेन्कॉ, विडियों जैसी कंपनियों को सात लाख तीस हजार करोड़ का लोन बिना किसी ब्याज के दिया है। ये लोग लोन की रकम वापस नहीं दे रहे हैं लेकिन अपनी बर्थ डे पार्टी पर हजारों करोड़ खर्च कर देते हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले एक महीने में केंद्र की नीति की वजह से स्वर्णकार आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे है। देश को एक लाख करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है।