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समन खारिज करने के लिए हाईकोर्ट गए अरविंद केजरीवाल - Sabguru News
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समन खारिज करने के लिए हाईकोर्ट गए अरविंद केजरीवाल

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समन खारिज करने के लिए हाईकोर्ट गए अरविंद केजरीवाल
Arvind Kejriwal seeks quashing of summons in delhi High Court
Arvind Kejriwal seeks quashing of summons in delhi High Court
Arvind Kejriwal seeks quashing of summons in delhi High Court

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2013 के विधानसभा चुनाव से पहले चुनावी हलफनामे में कथित तौर पर ‘भ्रामक सूचना’ देने के आरोप में अपने खिलाफ दायर आपराधिक शिकायत पर एक निचली अदालत द्वारा जारी किए गए समन को खारिज करने की मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट से संपर्क किया।

न्यायाधीश आईएस मेहता ने नीरज सक्सेना और अनुज अग्रवाल को नोटिस जारी किया। नीरज और अनुज ने केजरीवाल के खिलाफ एक एनजीओ के तरफ से शिकायत दायर की है। इस पर दोनों लोगों से चार अगस्त के अंदर प्रतिक्रिया मांगी गई है।

मामले की सुनवाई कर रही निचली अदालत ने एनजीओ मौलिक भारत ट्रस्ट द्वारा दायर शिकायत पर केजरीवाल को फरवरी 2016 में समन जारी किया। इसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने अपना सही पता छिपाकर और अपनी संपत्ति के बाजार मूल्य को दबाकर चुनाव आयोग को जान बूझकर गुमराह किया।

केजरीवाल को मामले में बीते साल 24 दिसंबर को जमानत दी गई थी। निचली अदालत ने पाया कि एक अनुचित पता तैयार कर दिया गया ताकि सही पते की जानकारी नहीं हो और संपत्ति का अनुचित मूल्यांकन दिया गया। इसे प्रथम दृष्टया तथ्यों को जानबूझकर छुपाने और गलत सूचना तैयार करने की बात उजागर होती है और केजरीवाल पर मामला चलाने का आधार बनता है।

एनजीओ ने अपने कार्यालय पदाधिकारियों के जरिए केजरीवाल के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी कि केजरीवाल ने अपने स्वामित्व वाली संपत्ति के वास्तविक आंकड़े को दबा दिया और जान बूझकर अपनी इंदिरापुरम गाजियाबाद की संपत्ति का गलत पता तैयार किया।

इसमें तर्क दिया गया था कि जान बूझकर छिपाने व सही पते व संपत्ति के मूल्य को दबाने पर जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के धारा 125 ए के तहत एक आपराधिक मामला बनता है जिसके तहत छह महीने की जेल या जुर्माना या दोनों की सजा है।

नामांकन दाखिल करने वाले सभी उम्मीदवारों को एक हलफनामा ईसी को देना होता है जिसमें संपत्ति के वास्तविक मूल्य का विवरण और किसी तरह के किए गए निवेश की जानकारी देनी होती है।