नई दिल्ली। दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा की मांग पर राजधानी में सियासी घमासान के हालत बनते दिख रहे हैं।
केजरीवाल सरकार ने दिल्ली पुलिस सहित तमाम शक्तियां अपने हाथ में लेने के लिए पूर्ण राज्य के दर्जा की मांग के लिए नए शिरे से कवायद शुरू कर दी है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस संबंध में दिल्ली के शहरी विकास मंत्रालय को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने मंत्रालय से दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए जनमत संग्रह के लिए राय मांगी है। ऐसे में एक बार फिर से भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और केजरीवाल सरकार में टकराव देखने को मिलेगा।
ऐसा पहली बार नहीं है जब आम आदमी पार्टी आप दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा की मांग के प्रति इतनी संजीदा दिख रही है। इससे पहले भी पार्टी समय—समय पर राजधानी में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर दिल्ली पुलिस को अपने अधीन लाने के लिए पूर्ण राज्य की मांग करती रही है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ से इस मांग को लेकर कई बार मुलाकात कर चुके हैं।
ऐसा नहीं है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा की मांग केवल आम आदमी पार्टी ने ही की है। केंद्र की सत्ता में आने से पहले तक स्वयं भाजपा भी अपने चुनावी घोषणापत्रों में इस मांग को प्रमुखता से उठाती रही।
गत वर्ष लोकसभा चुनाव में भाजपा ने चुनावी भाषणों में जनता से वादा किया था कि उसकी पार्टी सत्ता में आई तो दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जायेगा। लोकसभा चुनाव में भाजपा दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीट जीतने में कामयाब रही और केंद्र में उसकी सरकार बन गयी।
हालांकि इसके बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव के समय इस मांग पर पार्टी में मतभेद उभर आये। आलम ये रहा कि पार्टी ने अपने घोषित दृष्टिपत्र में पूर्ण राज्य के दर्जे का जिक्र तक नहीं किया था।