नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नए गर्वनर के लिए नीती आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढिया के नाम पर लगभग अंतिम मुहर लग चुकी है। वर्तमान गवर्नर रघुराम राजन का कार्यकाल सितंबर में खत्म होने वाला है।
हालांकि आरबीआई गर्वनर पद को लेकर रोज नए नाम सामने आ रहे थे। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के बीच आरबीआई के नए गवर्नर के नामों पर चर्चा करने के लिए बैठक हुई।
देश के इस सबसे बड़े बैंकर के पद की इस सूची में सुबीर गोकर्ण, राकेश मोहन और अरविंद सुब्रह्मण्यन का नाम शामिल है लेकिन अरविंद पनगढ़िया के नाम पर सहमति बनती दिख रही है। बताया जा रहा है कि पीएम मोदी इस पद पर किसी नौकरशाह के बजाय अर्थशास्त्री को ही नियुक्त करना चाहते हैं।
अरविंद पनगढ़िया जी20 शिखर सम्मेलन में भारत के प्रमुख वार्ताकार हैं और वह कोलंबिया विश्वविद्यालय में भारतीय राजनीतिक अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रह चुके हैं। वह विश्व बैंक, आईएमएफ और अंकटाड में भी काम कर चुके हैं।
यूं तो इस पद की दौड़ में अंतराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के कार्यकारी निदेशक सुबीर गोकर्ण भी शामिल रहे। वे आरबीआई के डिप्टी गवर्नर भी रह चुके हैं। अन्य दावेदार अरविंद सुब्रह्मण्यन सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार हैं।
राकेश मोहन आईएमएफ के एग़्जीक्यूटिव डायरेक्टर रह चुके हैं। राकेश मोहन रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर भी रह चुके हैं।
मौजूदा आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन का कार्यकाल 4 सितंबर को खत्म हो रहा है और उन्होंने पहले ही साफ कर दिया था कि वह बतौर गवर्नर दूसरा कार्यकाल नहीं लेना चाहते हैं।