नई दिल्ली। नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने मंगलवार को नीति आयोग के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि वह नीति आयोग से इस्तीफा दे रहे हैं और अमरीकी शिक्षा जगत में लौटना चाहते हैं।
पनगढ़िया को 2015 के जनवरी में नीति आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नीति आयोग में काम करने के लिए पनगढ़िया ने कोलंबिया विश्वविद्यालय से अवकाश लिया था। उन्होंने अपने पत्र में कहा उनकी छुट्टी 31 अगस्त को समाप्त हो रही है और उसे बढ़ाना संभव नहीं है।
उन्होंने अपने इस्तीफा पत्र में यह भी कहा कि वे कोलंबिया विश्वविद्यालय में अपनी शिक्षण की नौकरी जारी रखना चाहते हैं, जहां वे भारतीय राजनीतिक अर्थव्यवस्था विषय के प्रोफेसर के रूप में काम करते हैं।
सरकार ने 2015 के जनवरी में नेहरूकालीन योजना आयोग को खत्म कर नए नीति आयोग का गठन किया था, जिसके तुरंत पर 64 वर्षीय अर्थशास्त्री को इसके उपाध्यक्ष के पद पर नियुक्त किया गया।
पनगढ़िया हाल ही में जर्मनी में हुई जी20 देशों की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री के शेरपा (विशेष दूत) थे और उन्होंने हमेशा ही मोदी सरकार और उसके विभिन्न सुधार उपायों का समर्थन किया था, जिसमें नोटबंदी भी शामिल था।
हालांकि पनगढ़िया की जगह पर नीति आयोग का उपाध्यक्ष किसे नियुक्त किया जाएगा, इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है। लेकिन अटकलें हैं कि नीति आयोग में फिर से फेरबदल किया जाएगा तथा मोदी के कट्टर समर्थक अर्थशास्त्री और नीति आयोग के पूर्णकालिक सदस्य बिवेक देवरॉय को पनगढ़िया का उत्तराधिकारी बनाया जा सकता है।