मुंबई। विज्ञापनों के जरिए अपने उत्पादों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने वाली कंपनियों के दावे गलत पाए गए हैं। एडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया (एएससीआई) ने जारी एक बयान में कहा है कि कुल 193 विज्ञापनों में से 114 विज्ञापनों के दावे गलत पाए गए हैं।
एएससीआई के मुताबिक अगस्त महीने में जिन कंपनियों के विज्ञापन की निगरानी की गई, उसमें शिक्षा क्षेत्र के करीबन 31 विज्ञापन गलत पाए गए जबकि स्वास्थ्य क्षेत्र के 51 विज्ञापन गलत पाए गए। खाद्य एवं पेय क्षेत्र के 17 विज्ञापन गलत पाए गए तो पर्सनल केयर में 5 विज्ञापनों के दावे गलत मिले।
स्वास्थ्य क्षेत्र में जिन कंपनियों के विज्ञापनों के दावे गलत मिले उसमें एसबीएस बायोटेक के तीन विज्ञापन, कुसुम होमियोपैथिक, जगत फार्मा, नताशा आयुर्वेदिक, डा. राय हेल्थ सोल्यूशन, गुडलाइफ वेलनेस, लाइफ केयर, डॉ. रिचा युनिक क्लीनिक, सूर्या अमृतांजन, गंगा आयुर्वेदिक, पुष्पा क्लिनिक, बाबा हरिदास आयुर्वेदा, दीनदयाल इंडस्ट्रीज, अपना आयुर्वेदा के साथ रजनीश हॉट डील्स के 6 उत्पाद दावों पर गलत उतरे हैं।
खाद्य एवं पेय क्षेत्र में केलॉग इंडिया का ज्यादा प्रोटीन और फाइबर के समावेश का दावा गलत मिला है। इसी तरह यम रेस्टॉरेंट का भी दावा गलत मिला है। जबकि जी.डी फूडस के 8 उत्पादों के विज्ञापनों में जो दावे किए गए हैं, वे भी गलत साबित हुए हैं। इसमें मैंगों जाम, आरेंज जाम टाप्स टोमैटो नो गार्लिक और ओनियन, टाप्स स्वीट एवं सोर सास आदि उत्पादों का समावेश है। कंपलान की निर्माता कंपनी हेंज इंडिया के भी विज्ञापन दावों पर गलत उतरे हैं। यहां तक कि इसके डिस्क्लेमर भी बहुत छोटे अक्षरों में होते हैं जो दिखते नहीं हैं।
पर्सनल केयर में हिंदुस्थान यूनिलीवर का डव और फेयर एंड लवली में जहां गलत दावा विज्ञापन में किया है वहीं ओलिविया हेल्थ केयर का भी दावा गलत निकला है। शिक्षा क्षेत्र में एआईएम भोपाल का दावा गलत पाया गया है तो सीएल एजुकेट भी विज्ञापनों में गलत दावा करते पाया गया है। इसी तरह एमिटी विश्वविद्यालय, नचिकेता हायर सेकंडरी स्कूल के भी दावे को गलत पाया गया है।
इनके अलावा हेयर अप्लायंसेस इंडिया, भारती एयरटेल के 244 रुपये के असीमित स्थानीय और एसटीडी कॉल तथा इंटरनेट डाटा के दावे गलत पाए गए हैं। लकी माइक्रो फाइन अप्लायंसेस, अमेजॉन डॉट कॉम आदि हैं। अमेजॉन ने उत्पाद की कीमत 149 रुपये बताकर इसे डिस्काउंट देने के बाद 142 रुपये में बेचा, जबकि इसकी कीमत (एमआरपी) 135 रुपये है। इसी तरह डाबर इंडिया ने भी गलत दावा विज्ञापन में किया है।