अजमेर। करीब तीन दिन पहले मौत का निवाला बने युवक के दाह संस्कार के बाद बुधवार सुबह उसकी अस्थियों को लेने के पहुंचे मृतक के भाई और अन्य परिजन को श्मशान में लकड़ियां बेचने वाले ने दूसरे की चिता बताकर अस्थियां उठाने से रोक दिया।
घटना की सूचना मिलने पर श्मशान पहुंची पुलिस जांच में जुटी है, लेकिन यह तय नहीं हो सका अस्थियों का वास्तविक हकदार कौन है, पुलिस दूसरे हकदार के आने का इंतजार कर रही है।
गौतम नगर स्थित महाबोधि स्कूल के सामने रहने वाले कमल कुमार ने बताया कि तीन दिन पहले 15 नवम्बर को उसके भाई सुरेश कुमार की असामयिक मौत हुई थी, जिसका अंतिम संस्कार आशागंज स्थित श्मशान घाट पर किया गया। तीये की रस्म के तहत वह अपने परिजन के साथ सुरेश कुमार की अस्थियां लेने के लिए आशागंज श्मशान घाट पहुंचा तो जिस जगह भाई की चिता जलाई थी, वहां उसकी अस्थियां नहीं मिली।
पता करने पर लकडी की टाल वाले ने बताया कि यहां तो किसी और व्यक्ति की चिता जलाई गई थी, जिसके परिजन आकर अस्थियां लेकर चले गए। यह बात सुनते ही कमल व उसके परिजन के पैरों तले की जमीन खिसक गई। बाद में जब मृतक सुरेश के घर की महिलाओं को इस बात का पता चला तो वे भी श्मशान पहुंच गई और अस्थियां चोरी होने का आरोप लगाकर श्मशान में हंगामा कर दिया। श्मशान में अस्थियों चोरी होने की बात सुनकर रामगंज पुलिस भी तुरन्त आशागंज शमशान पहुंच गई।
रामगंज पुलिस की मानें तो सुरेश कुमार के परिजन बुधवार सुबह जब श्मशान घाट पहुंचे तो जिस स्थान पर सुरेश की चिता जलाई गई थी, उसी जगह गत 13 नवम्बर को गुर्जर धरती निवासी किसी मृतक का शव जलाया गया था। जिसकी अस्थियां मृतक के परिजन लेकर पहले ही रवाना हो गए थे। पुलिस ने गुर्जर धरती से उस मृतक के परिजन को भी श्मशान बुलवा लिया।
पुलिस के अनुसार अब तक जांच में यह बात सामने आई है कि श्मशान स्थल पर एक ही जगह पर पांच दिन के अंतराल में तीन चिताएं जला दी गई, जिसके चलते उस स्थान पर जिसको जो अस्थियां मिली, उसे लेकर मृतक के परिवार वाले ले गए। आखिर में जब कमल व उसके परिवार वाले सुरेश कुमार की अस्थियां लेने पहुंचे तो उन्हें वहां अस्थियां नहीं मिल सकी। सुरेश कुमार की अस्थियां कौन लेकर गया, फिलहाल इसका पता नहीं चल सका है।
रामगंज थाना प्रभारी ने बताया कि मामले की जांच जारी है तथा श्मशान में एक ही स्थान पर आखिरी बार जिस व्यक्ति का दाहसंस्कार किया गया था, उसका पता लगाया जा रहा है। इसके अलावा इस बात की भी जांच की जा रही है कि सुरेश के परिजन से चिता जलाने के स्थान को लेकर भ्रम की स्थिति तो उत्पन्न नहीं हुई है।
पुलिस हुई अचम्भित
श्मशान घाट पर तीन दिन पहले जली चिता से अस्थियां चुनने का विवाद सामने आने पर पुलिस भी अचम्भित हो गई। मृतक सुरेश कुमार की अस्थियां लेने पहुंचे कमल कुमार व उसके परिजन को जब यह पता चला कि उसके भाई का दाहसंस्कार जिस स्थान पर किया गया था, वहां पर अस्थियां ही मौजूद नहीं हैं, तो उनमें रोष व्याप्त हो गया। जिसकी सूचना सुनकर रामगंज पुलिस भी वहां पहुंची थी।
पुलिस को जब यह बात बताई कि जिस जगह से वह अस्थियां उठा रहा था, वहीं पर उसके भाई की चिता तीन दिन पहले जलाई थी। दूसरी आेर लकडी बेचने वाले का दावा था कि जिस स्थान से कमल व उसके परिजन मृतक सुरेश कुमार की अस्थियां उठाने के लिए पहुंचा है, वहां किसी और व्यक्ति की चिता जलाई गई थी। पुलिस के सामने जब यह समस्या आई तो पुलिस हैरत में पड गई।
मामला किसी व्यक्ति के मरणोउपरान्त होने वाली आवश्यक धार्मिक रस्मों और मृतक के परिजन की आस्थाआें से जुड़ा होने के कारण पुलिस भी सम्भलसम्भल कर जांच कर रही है। पुलिस का मानना है कि शमशान में जिन तीन व्यक्तियों की चिता जलाई गई थी उनके परिजन के साथ किसी भी सूरत में अन्याय नहीं हो इस बात के प्रयास उनके द्वारा किए जा रहें हैं।
थाना प्रभारी भूपेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि प्रथम दृष्ट्या मामला अस्थियां बदलने का प्रतीत हो रहा है, जिसके चलते मृतकों के परिजन को बुलाया जा रहा है, फिलहाल एक मृतक जो कि गुर्जरधरती इलाके से यहां अंतिम संस्कार के लिए लाया गया था उसके परिजन को बुला लिया गया है। जांच जारी है।