नई दिल्ली। भारत की विश्व विजेता टीम के सदस्य रहे आशीष नेहरा ने अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर का अंत जीत के साथ किया है। नेहरा के घरेलू मैदान पर भारत ने न्यूजीलैंड को टी-20 मैच में 53 रनों से मात देते हुए नेहरा को विजयी विदाई दी है।
1999 में अजहरूद्दीन की कप्तानी में श्रीलंका के खिलाफ पदार्पण करने वाले नेहरा का करियर 18 साल लंबा रहा है। हालांकि अपने आखिरी मैच में नेहरा विकेट नहीं ले पाए। उन्होंने आखिरी मैच में चार ओवरों में 27 रन दिए।
नेहरा ने पारी का पहला और आखिरी ओवर फेंका। नेहरा जब मैच की आखिरी गेंद फेंकने जा रहे थे तभी एक प्रशंसक मैदान में घुस आया और उसने नेहरा के पांव भी छुए। इस दौरान पूरा स्टेडियम नेहरा-नेहरा की आवाज से गूंज रहा था। दर्शकों ने इस दौरान अपने मोबाइल की लाइट्स भी जलाए रखीं।
मैच के बाद उन्होंने मैदान का चक्कर लगाया। कुछ देर पैदल चलने के बाद दिल्ली के ही उनके दो जूनियर खिलाड़ी कप्तान कोहली और शिखर धवन ने उन्हें अपने कंधे पर बैठ लिया। आखिरी मैच में नेहरा का परिवार और उनके साथ खेलने वाले कई खिलाड़ी इस मौके पर मौजूद थे।
मैच से पहले भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी और मौजूदा कप्तान विराट कोहली की आगुआई में टीम ने मैच से पहले उन्हें ट्रॉफी देकर सम्मानित किया।38 साल के नेहरा इसके बाद किसी भी प्रारूप में भारतीय जर्सी में नजर नहीं आएंगे।
आखिरी मैच में स्टेडियम के दिल्ली गेट गेंदबाजी छोर का नाम नेहरा के नाम पर रखा गया। नेहरा ने इसी छोर से अपना पहला ओवर डाला।
नेहरा का करियर चोटों से काफी प्रभावित रहा है। उन्होंने अपने करियर में कुल 12 सर्जरी कराई हैं। नेहरा ने कई बार टीम से बाहर जाने के बाद वापसी की है। 2016 में उनके द्वारा की गई वापसी के बाद से उन्होंने खेल के छोटे प्रारुप में टीम को काफी कुछ दिया।
चोटों से वापसी करते हुए ही उन्होंने 2011 विश्व कप टीम में जगह बनाई थी और टीम को विजेता बनाने में रोल निभाया था। वह पिछले साल टी-20 विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुंचने वाली भारतीय टीम का भी हिस्सा थे।
नेहरा ने 1999 में दिसंबर में श्रीलंका के खिलाफ कोलंबो में मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था। हालांकि वह टेस्ट क्रिकेट ज्यादा नहीं खेल पाए। उनके खाते में सिर्फ 17 टेस्ट मैच हैं जिसमें उन्होंने 44 विकेट लिए हैं। उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट मैच रावलपिंडी में पाकिस्तान के खिलाफ 2004 में खेला था।
वनडे में नेहरा ने भारत के लिए 120 मैच खेले हैं और 157 विकेट लिए हैं। जिम्बाब्वे के खिलाफ 2001 में हरारे में अपना पहला मैच खेलने वाले नेहरा ने अपना आखिरी वनडे 2011 विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ 30 मार्च को खेला था।
नेहरा को 2003 विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए मैच में छह विकेट लेने के लिए जाना जाता है। इस मैच में उन्होंने इंग्लैंड की कमर तोड़ दी थी और भारत को जीत दिलाई थी। इस विश्व कप में नेहरा, जहीर खान और जवागल श्रीनाथ की तिगड़ी ने भारत को फाइनल में पहुंचाने में अहम भूमिका अदा की थी।
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