जोधपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री की कार्यप्रणाली को कोसते हुए कहा कि ललित मोदी और खनन घेटाले में तो मुख्यमंत्री को जेल हो जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि ललित मोदी प्रकरण में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर देशद्रोह का मुकदमा चलाना चाहिए। इसके अलावा कुछ माह पूर्व राजस्थान में हुए खनन घोटाले का हवाला देते हुए भी कहा कि बिना मुख्यमंत्री की जानकारी के इतना बड़ा घोटाला नहीं हो सकता। गहलोत शुक्रवार को निजी होटल में प्रेसवार्ता के दौरान पत्रकारों से ये बातें साझा कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि खनन घोटाले की जांच लोकायुक्त से नहीं बल्कि सीबीआई से करवानी चाहिए। तभी इस जांच का सही परिणाम सामने आ सकता है। गहलोत ने बताया कि खनन घोटाले में चार लोगों को करीब 10-10 किमी लंबी खानें आवंटित की गई।
इसी में ही करीब 200 करोड़ रुपए का घोटाला हो गया। प्रदेश में अभी भ्रष्टाचार की हद यहां तक पहुंच गई है कि मंत्रियों से लेकर छोटे से छोटे कर्मचारी तक भ्रष्टाचार में लिप्त हो रहे हैं। बावजूद इसके राज्य सरकार कार्रवाई करने के पक्ष में नजर नहीं आ रही है।
मदद के नाम पर लेनदेन
गहलोत ने मुख्यमंत्री पर सीधा-सीधा आरोप लगाया कि ललित मोदी को वापस आरसीए का चैयरमेन बनाने का फैसला क्या मोदी की ओर से मुख्यमंत्री की गई मदद का लेनदेन है या फिर मोदी उन्हें ब्लैकमेल कर रहे हैं। इस बात का जवाब मुख्यमंत्री को देना चाहिए। एक सवाल के जवाब में गहलोत ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार कांग्रेस के वरिष्ठों पर सिर्फ दबाव डालने के लिए कोर्ट में केस लगा रही है। सरकार की मंशा यह है कि कांग्रेस के नेताओं पर केस किया जाए ताकि वे खाली केस में उलझे रहे और विपक्ष सदन में कमजोर नजर आए।
जोधपुर का विकास रूका
गहलोत ने कहा कि जोधपुर पर मुख्यमंत्री ध्यान नहीं दे रही है। जोधपुर का विकास रुक गया है। शहर के भदवासिया, सारण नगर और रिक्तिया भैरूजी चौराहे वाले आरओबी का निर्माण भी मंद गति से चल रहा है। इसके अलावा जब केंद्र सरकार के मंत्रियों ने कह दिया कि 10 लाख से ऊपर जनता हो वहां पर मेट्रो होनी चाहिए। इसके बावजूद जोधपुर में अभी तक मेट्रो ट्रेन की डीपीआर तक बनाने का कार्य नहीं किया जा रहा है। इससे जोधपुर पिछड़ रहा है।
दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो
एक सवाल के जवाब में गहलोत ने कहा कि पिछले दिनों होटल श्रीराम इंटरनेशनल में हुई घटना सही नहीं है। दोषी चाहे पार्टी का कार्यकर्ता हो या फिर अधिकारी। मुख्यमंत्री को इस मामले में निष्पक्ष होकर जांच करके दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।