जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में स्कूली शिक्षा पाठ्यक्रम से पंडित जवाहरलाल नेहरू का नाम हटाये जाने की निन्दा की है।
एक बयान में रविवार को गहलोत ने कहा कि स्कूली पाठ्य पुस्तकों से इतिहास पुरूष राष्ट्र निर्माताओं का नाम हटाने वाली सरकारें खुद हट जाती हैं लेकिन इतिहास का सच नहीं मिटता।
आधुनिक भारत के निर्माता,असहयोग आन्दोलन से भारत छोड़ो आन्दोलन में जेल जाने वाले महान स्वतंत्रता सेनानी और दुनिया के सबसे बडे़ भारतीय लोकतंत्र के संस्थापक प्रधानमंत्री पं.जवाहर लाल नेहरू का नाम स्कूली पाठ्य पुस्तकों से हटा देने का राजस्थान सरकार का कृत्य शर्मनाक है।
संघर्ष और निर्माण के बेमिसाल राष्ट्रीय योगदान पर पर्दा डालने की यह कोशिश इतिहास की इस कड़वी सच्चाई को ढक नहीं सकती कि राष्ट्रवाद का दंभ जताने वाले आरएसएस ने राष्ट्रवाद के इतिहास के सबसे बड़े तकाजे आजादी की लडाई से न केवल अपने को दूर रखा था बल्कि सविनय अवज्ञा से अंग्रेजों भारत छोडो आन्दोलन तक का विरोध भी किया था।
सरकार नेहरू को पाठ्यक्रम से निकाल कर जो पाप कर रही है उन्हें सबक जनता सिखायेगी। इतिहास आइना होता है और आइने में जिसे अपना चेहरा नहीं दिखता या बदनुमा लगता है वही इतिहास को तोड़ने.मरोड़ने का खिलवाड करते हैं।
राजस्थान बोर्ड की आठवीं कक्षा की किताब में नेहरू का नाम तो हटाया ही गया है गांधी की हत्या वाले हिस्से और हत्यारे नाथूराम गोडसे का नाम भी हटा दिया गया। उन्होने कहा कि यह राजस्थान सरकार की संकीर्ण सोच को उजागर करता है। ऐसी साजिश को जनता के बीच बेनकाब करने का अभियान चलाया जाना चाहिए।