जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आर्थिक रूप से कमजोर तबके से आने वाली लगभग दो लाख आंगनबाडी, आशा, साथिन महिला कार्मिकों के प्रति राज्य सरकार द्वारा अपनाए जा रहे संवेदनहीन रवैये की कडी आलोचना की है।
उन्होंने कहा कि पिछले पांच दिनों से महिला एवं बाल विकास निदेशालय जयपुर पर आंगनबाडी महिला कार्मिक अपनी मांगों के लिए अनशन कर रही हैं, उनकी हालात बिगड रही हैं, इनके टेन्ट तक हटा दिए गए, फुटपाथ पर रात बिताने को मजबूर हो रही हैं। अस्पताल में भर्ती होने तक की नौबत आ गई है। एक महिला मुख्यमंत्री के राज में इन महिला कार्मिकों की मांग कोई सुनने वाला नहीं है, यह स्थिति अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है।
गहलोत ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय इन महिला कार्मिकों के मानदेय में तीन गुना से अधिक की बढोतरी की गई थी। पेन्शन के अलावा 100 करोड रूपए की राशि से ‘आंगनबाडी कार्मिक कल्याण कोष‘ बनाकर इनको सामाजिक सुरक्षा प्रदान की थी। लेकिन भाजपा ने सरकार में आते ही इन योजनाओं को ठंडे बस्ते में डाल दिया। राज्य सरकार को इन कल्याणकारी योजनाओं को अविलम्ब बहाल करना चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वसुन्धरा राजे ने सुराज संकल्प पत्र में इनसे बडे-बडे वादे करके सरकार बना ली, लेकिन ढाई साल बीतने के बाद भी इनको पूरा करने की दिशा में सरकार गम्भीर नहीं है।