जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि नोटबंदी से कितने लोगों को लाभ मिला यह कहना मुश्किल मगर ब्लैकमनी व्हाईट नहीं हुई और ब्लैकमनी ब्लैक ही रही है।
प्रधानमंत्री ने एक हजार और पांच सौ 500 रूपए के नोट बंद कर दो हजार रूपए का नोट निकाला, इसका क्या तुक था, क्या मंशा थी? इसका जवाब प्रधानमंत्री देशवासियों को दें।
पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान करने के बाद मीड़ियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा कि उपरोक्त सवाल का जवाब आ जाने पर उन तमाम सवालों का जवाब आ जाएगा कि इसके पीछे असल मंशा क्या थी?
यह दो हजार का नोट चल भी नहीं पाया क्योंकि छुट्टे के चक्कर में उसकों खर्च करने की समस्या बन गई, इससे कई तरह की परेशानियां पैदा हो रही हैं।
मुख्यमंत्री के नववर्ष पर जयपुर से बाहर रहने के सवाल पर गहलोत ने कहा कि हमारी मुख्यमंत्री नववर्ष, दीपावली, होली पर अधिकांशतय बाहर ही रहती है। एक प्रकार से यह उनकी परम्परा ही बन गई है। अपनी-अपनी सोच है।
एक अन्य सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं पहले भी कह चुका हूं कि जब से सरकार बनी है तभी से मुख्यमंत्री में शासन करने की इच्छा शक्ति नहीं दिखती है। इस कारण से प्रदेश बरबादी की ओर बढ़ रहा है।
जब मुख्यमंत्री का ऐसा व्यवहार है, तो सरकार भी वैसे ही चलती है। तीन साल में यह सरकार नाकारा और निक्कमी साबित हुई है इसका जवाब मुख्यमंत्री को देना चाहिए।