सिरोही। विख्यात अति प्राचीन श्री जीरावला पार्श्वनाथ महातीर्थ में शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहुंचकर वहां विराजित जीरावला दादा की प्राचीन प्रतिमा के दर्शन कर वहां बन रहे नए तीर्थ परिसर एवं भवनों का अवलोकन किया।
जैन धर्म में यह तीर्थ एक आस्था तीर्थ है जहां प्रतिवर्ष लाखों की तादाद में भक्तजन आते हैं और परमात्मा के दर्शन पूजन का लाभ लेते हैं।
तीर्थ के अध्यक्ष एवं मोनटेक्स पेन ग्रुप के चेयरमेन रमणभाई जैन व उपस्थित तीर्थ के ट्रस्टियो ने गहलोत का स्वागत करते हुए बताया कि इस प्राचीन प्रतिमा की भव्य प्रतिष्ठा नवनिर्मित विशाल 52 जिनालय में लाखों भक्तों, 100 से अधिक आचार्य भगवंतों व हजारों साधु-साध्वियों की उपस्थिति में 9 फरवरी 2017 को होगी।
प्रतिष्ठा समिति के संयोजक प्रकाश भाई संघवी ने बताया कि प्रतिष्ठा में सम्पूर्ण देश से इसके भक्तजन आएंगे। उसके लिए तैयारिया जोरों से चल रही है। इस तीर्थ में प्रतिष्ठा के चढावे की जाजम व भगवान प्रवेश का भव्य समारोह 10 दिसम्बर 2016 में आचार्य भगवंतों की निश्रा में होगा।
इस महामंगलकारी प्रतिष्ठा के चढावे जैन धर्म में एक नया कीर्तिमान बनाएंगे। इसको ध्यान में रखते हुए ट्रस्ट मंडल बडे स्तर पर आयोजनों की तैयारियां कर रहा है।
इस अवसर पर गहलोत ने नए परिसर में बने विभिन्न धर्मशाला भवनों, उपासरो, भोजनशाला एवं पेढी कक्ष का अवलोकन करते हुए कहा कि सिरोही जिला जैन धर्म का एक ऐसा जिला है जिसमें प्राचीन तीर्थ देलवाडा शिल्प कला के लिए विश्व विख्यात है।
वही के.पी. संघवी परिवार की ओर से निर्मित श्री पावापुरी तीर्थ जीव मैत्रीधाम विशाल गौशाला के लिए विश्व स्तर पर पहचाना जाता है और अब यह जीरावला तीर्थ भी विश्व स्तर पर अपनी नई पहचान बनाएगा।
गहलोत के साथ पूर्व विधायक संयम लोढा, प्रदेश महामंत्री पुखराज पाराशर, प्रदेश महामंत्री नीरज डांगी एवं दांतराई जैन संघ के अध्यक्ष प्रकाश वरदीचंद जैन भी थे।