गुवाहाटी। असम विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद लगभग तीन माह बाद रविवार को असम प्रदेश कांग्रेस पार्टी की पहली कार्यकारिणी की बैठक राजधानी के दिसपुर स्थित मानवेंद्र शर्मा परिसर में सुबह 9 बजे आरंभ हुई।
बैठक में चुनाव में पार्टी की करारी हार पर मंथन हुआ। पार्टी की करारी हार के लिए निशाने पर पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ही थे। चुनावों के बाद पार्टी को अभी तक समझ में नहीं आ रहा था कि इस हार को किस रूप में लें। कांग्रेस को हार से उबरने में काफी वक्त लगा है।
वहीं दूसरी ओर कार्यकारिणी की बैठक परिसर के बाहर ऊपरी असम के मोरियानी विधानसभा क्षेत्र के विधायक व कांग्रेसी नेता रूपज्योति कुर्मी धरने पर बैठकर अपना विरोध जताते नजर आए।
कुर्मी ने राज्य में पार्टी की करारी हार के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी यानी हाई कमान और असम प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सीपी जोशी को जिम्मेदार ठहराया। कांग्रेसी विधायक ने कार्यकारिणी बैठक स्थल के प्रवेश द्वार पर हाथ में पार्टी के हार के कारणों को तख्ती पर लिखकर लेकर बैठ गए। इसके चलते पार्टी को काफी असहज स्थिति से गुजरना पड़ा।
कुर्मी ने मीडिया के साथ बातचीत करते हुए कहा कि चुनावों के दौरान हाई कमान ने पार्टी के जमीनी स्तर के नेताओं की बातों को दरकिनार कर दिया। उन्होंने कहा कि जो पार्टी पिछले 15 वर्षों से राज्य में सत्ता पर काबिज हो, उसकी ऐसी गति होगी यह कल्पना करना कठिन है।
उन्होंने कहा कि अगर हाई कमान जमीनी स्तर के नेताओं की बात सुनता तो ऐसे हालात नहीं होते। साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी की करारी हार के लिए सबसे बड़ा कारण पार्टी के प्रदेश भारी सीपी जोशी हैं। उन्हें तुरंत पार्टी के प्रमुख पदों से मुक्त किया जाना चाहिए।
कुर्मी की इस बगावत से पार्टी को काफी परेशानी महसूस हो रही है। जिसके कारण वे पार्टी के सभी बड़े शीर्ष नेताओं पर हमला बोल रहे हैं। मीडिया में इस बात की चर्चा जोरशोर से हो रही है कि जिस अंदाज में वे कांग्रेस को कोस रहे हैं संभवतः वे आने वाले दिनों में कांग्रेस का दामन छोड़ सकते हैं।
हाल ही में एक कांग्रेसी विधायक मानसिंह रोंग्पी पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए हैं। उनकी विधानसभा सीट पर पुनः उप चुनाव होने जा रहा है। कुल मिलाकर कांग्रेस की कार्यकारिणी की बैठक कुर्मी के विरोध प्रदर्शनों के चलते सुर्खियों में छाई हुई है।