गुवाहाटी। असम के बाढ़ के हालात का जायजा लेने के लिए असम के दौरे पर आए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को एक प्रशासनिक अधिकारी ने बाढ़ की रिपोर्ट सौंपी थी। रिपोर्ट में उसने बांग्लादेश की दो साल पहले की बाढ़ का फोटो लगा दिया।
इसकी जानकारी जब असम राज्य आपदा प्रबंधन विभाग को लगी तो उसने तुरंत इस पर आपत्ति जताई। खबर के मीडिया में फैलते ही राज्य सरकार की नींद खुली। राज्य सरकार के आलाधिकारियों ने तुरंत इस पर संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारी को मामले से अवगत कराया, जिसके बाद उक्त अधिकारी को तुरंत निलंबित कर दिया गया।
उल्लेखनीय है कि बीते कल शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह असम के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर हालात की समीक्षा की। उन्होंने राष्ट्रीय अभ्यारण्य काजीरंगा, नगांव जिला और मोरीगांव जिले का हवाई सर्वेक्षण किया।
इस दौरान नगांव जिले के कलियाबर सब-डिवीजन की अधिकारी (सिविल) मधुमिता भागवती ने बाढ़ प्रभावित अपने इलाके की एक रिपोर्ट गृहमंत्री को सौंपी। उन्होंने रिपोर्ट में दो पुराने बांग्लादेश में आई बाढ़ का एक फोटो को संलग्न किया था।
आरंभ में इस पर किसी का ध्यान नहीं गया, लेकिन बाद में असम राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने इस गलती को पकड़ लिया। साथ ही एक बयान जारी कर कहा है कि उक्त फोटो का असम की बाढ़ से कोई संबंध नहीं है।
एसडीओ मधुमिता गोस्वामी ने 10 पन्नों की अपनी रिपोर्ट में बांग्लादेश के नोवाखाली में दो वर्ष पहले आई बाढ़, जिसमें एक व्यक्ति आंखों तक पानी में डूबा हुआ है और हाथ में हिरण का एक बच्चा पकड़े हुए को लगाया था।
ज्ञात हो कि यह फोटो तत्कालिन समय में काफी प्रसिद्धि बटोर चुका था, जिसके चलते इस पर सभी की नजर जाना स्वाभाविक था। साथ ही एक बड़े ओहदे पर बैठी सरकारी अधिकारी द्वारा गृहमंत्री को धोखे में रखना राज्य की नई सरकार के लिए काफी शर्म की बात थी। आनन-फानन में राज्य सरकार ने कदम उठाते हुए महिला अधिकारी को तुरंत निलंबित कर दिया।
उल्लेखनीय है कि उक्त फोटो को बांग्लादेश के वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर हसिबुल वहाब ने अपने कैमरे में कैद किया था। फोटो में एक 20 वर्षीय बच्चे द्वारा अपनी जान जोखिम में डालकर हिरण के एक छोटे बच्चे को आंख तक पानी में डूबकर बचाने का दृश्य कैद है।
बीते शनिवार को गृहमंत्री ने असम की बाढ़ में 26 लोगों के मरने और 23 जिलों के 3,300 गांवों के लगभग 19 लाख लोगों के प्रभावित होने की पुष्टि की थी। असम राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया है कि राज्य सरकार ने 970 राहत शिविर स्थापित किए हैं। जहां पर लगभग पांच लाख लोग आश्रय लिए हुए हैं।