गुवाहाटी। असम की बदहाल शिक्षा व्यवस्था का कायाकल्प करने में राज्य की भाजपानीत गठबंधन सरकार जुट गई है।
सरकारी विद्यालयों में मुख्य रूप से आधारभूत ढांचा और शिक्षकों की भारी कमी है। जिसके चलते पढ़ाई का स्तर काफी नीचे चला गया है।
सत्ता में आने के साथ ही भाजपानीत सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र को बेहतर बनाने लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का भरोसा दिया है।
इसी कड़ी में राज्य के शिक्षा मंत्री डा. हिमंत विश्वशर्मा ने सोमवार को घोषणा की कि राज्य सरकार आगामी दिसंबर माह तक 11,278 टेट पास शिक्षकों को स्थायी नियुक्ति देने जा रही है।
जबकि राज्य के बजट में किए गए वादों के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2016-17 के मार्च तक खाली पदों पर नियुक्ति देने का प्रयास किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के नेतृत्व में बीते दिनों सदन में पेश बजट में दस हजार टेट उत्तीर्ण लोगों को शिक्षक की नौकरी देने का वादा किया गया था। हाल ही में सात हजार को नौकरी दी गई थी।
डा. विश्वशर्मा ने जोर देते कहा कि आगामी दिसंबर माह तक प्राथमिक विद्यालयों में 6134 और माध्यमिक विद्यालयों में 5144 लोगों को स्थायी शिक्षक के रूप में नियुक्ति दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि शिक्षक बनने के लिए इच्छुक लोगों को टेट परीक्षा के साथ ही बीएड की योग्यता अनिवार्य होगी।
उन्होंने बताया कि इस परीक्षा के लिए आगामी 31 अगस्त से सितंबर माह में विज्ञापन, अक्तूबर में शिक्षकों के कागजातों की जांच और दिसंबर माह में नियुक्ति दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि उपरोक्त आंकड़े में बीटीएडी, कार्बी आंग्लांग स्वायत्तशासी परिषद और डिमा हसाउ इलाके को शामिल नहीं किया गया है।
साथ ही कहा कि अगले वर्ष मार्च माह तक तीसरी बार शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरा कर शिक्षकों की कमी को दूर किया जाएगा।