भोपाल। ज्योतिषशास्त्र कहता है जो व्यक्ति जिस नक्षत्र में जन्म लेता है उस व्यक्ति पर जीवन भर उस नक्षत्र और उस नक्षत्र की राशि का प्रभाव रहता है। हस्त नक्षत्र 13वां नक्षत्र है और चंद्रमा इसका स्वामी है। इसके नाम अक्षर पू, ष, ण, ठ हैं।
जन्म कुंडली के अनुसार जिस व्यक्ति का जन्म हस्त नक्षत्र में हुआ है वह शांत स्वभाव और भावुक होता है, लेकिन इनका मन चंचल होता है। इनकी बौद्धिक क्षमता अच्छी होती है। इनके मस्तिष्क में नई-नई योजनाएं उभरती रहती हैं, जिसके चलते ये पढऩे लिखने में तेज होने के साथ ही शब्दों के भी जादूगर होते हैं और अपनी बातों से अपना सिक्का जमा लेते हैं।
इस नक्षत्र के जातक पर कन्या राशि का प्रभाव होता है जिसके कारण किसी भी विषय को आसानी से समझ लेने की क्षमता इनमें बचपन से रहती है। ऐसे जातक शांति पसंद होते हैं, कलह और विवाद की स्थिति से दूर रहना पसंद करते हैं। इनका पारिवारिक जीवन सुखमय और आनन्दमय रहता है। जीवन साथी से इन्हें पूर्ण सहयोग एवं सहायता प्राप्त होती है। अपने कार्यों से ये समाज में मान सम्मान एवं आदर प्राप्त करते हैं।
हस्त नक्षत्र के जातकों को कभी भी आर्थिक तंगी या परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है क्योंकि ये अपनी बुद्धि का इस्तेमाल धनोपार्जन में बखूबी कर पाते हैं। अपनी बुद्धि से अर्जित धन के कारण इन्हें कभी भी आर्थिक रूप से परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता। ये हर प्रकार के सांसारिक सुखों का आनन्द लेते हैं और सुखमय जीवन व्यतीत करते हैं।
नक्षत्र स्वामी चंद्र और राशि स्वामी बुध एक-दूसरे के शत्रु माने जाते हैं, जिससे कई बार बुध ग्रह हस्त नक्षत्र वाले व्यक्तियों को बुरा प्रभाव भी दे सकता है। यह व्यक्ति की कुंडली में स्थित सभी ग्रहों को देखकर विचार किया जाता है।