होम्स। पश्चिमी सीरिया के होम्स में बंदूकधारियों और आत्मघाती हमलावरों ने सुरक्षा चौकियों को निशाना बनाते हुए हमले किए, जिसमें 32 लोग मारे गए हैं।
सीरियाई सरकारी टीवी के अनुसार हमले में खुफिया सेवा के एक स्थानीय अधिकारी की मौत हुई है। जबकि अन्य सूत्रों का कहना है कि मृतकों की संख्या 40 से ज्यादा हो सकती है। जेहादी संगठन तहरीर-अल-शाम ने हमले की जिम्मेवारी ली है।
उल्लेखनीय है कि होम्स शहर साल 2015 से सीरिया सेना के कब्जे में है, क्योंकि संघर्ष विराम समझौते के बाद विद्रोही इस शहर को छोड़कर चले गए थे। हमले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सीरियाई सरकार ने कहा है कि हमले का माकूल जवाब दिया जाएगा।
इस घटना पर संयुक्त राष्ट्र के राजनयिक बशर-अल-जाफरी ने कहा है कि चरम पंथ को बढ़ावा देने वालों ने जेनेवा में जारी शांति वार्ता को हमले के जरिए संदेश दिया है।
वहीं सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत स्टेफन डी मिस्तूरा ने उम्मीद जताई है कि हमले का असर चल रही शांति वार्ता पर नहीं पड़ेगा।
उन्होंने आगे कहा कि जब भी हम वार्ता करते हैं या बातचीत शुरू करते हैं तो हमेशा कोई न कोई इसे पटरी से उतारने की कोशिश करता है। हमें ऐसे हमले की आशंका पहले से ही थी।
खास बात है कि हमले की जिम्मेवारी लेने वाला जिहादी संगठन तहरीर-अल-शाम न तो संघर्ष विराम वार्ता में शामिल था और न ही शांति वार्ता में शामिल है।
इस बीच सीरिया पर नजर रखने वाले संगठन ने कहा कहा है कि हमलावरों ने सेना, सुरक्षा मुख्यालय और प्रांतीय सुरक्षा कार्यालय को निशाना बनाए। ये हमले बेहद सख्त सुरक्षा वाले इलाके घौटा और महाट्टा जिलों में हुए हैं।
जिहादियों का कहना है कि उसके पांच लड़ाकों ने हमले को अंजाम दिया। हमले के बाद सीरिया के लड़ाकू विमानों ने होम्स में विद्रोहियों के बचे इलाकों पर हवाई हमले किए, जबकि विद्रोहियों का तहरीर-अल-शाम संगठन से कोई संबंध नहीं है।