काबुल। अफगानिस्तान की राजधानी और पश्चिमी प्रांत घोर में शुक्रवार को मस्जिदों पर हुए दो आत्मघाती हमलों में करीब 70 लोग मारे गए। सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद इस्माइल कवुसी ने बताया कि काबुल के पड़ोस की एक मस्जिद में एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोट किया, जिसमें मुख्य रूप से शिया हजारा अल्पसंख्यक मौजूद थे।
विस्फोट उस वक्त हुआ जब इमाम जामम मस्जिद के अंदर लगभग 6.00 बजे सैकड़ों लोग नमाज के लिए इकट्ठा हुए थे। पुलिस के प्रवक्ता बशीर मुजाहिद ने एफे को बताया कि जब बम विस्फोट हुआ, तब हमलावर मंडली के बीच खड़ा था।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नजीब दानीश ने ट्विटर पर कहा कि इस हमले में 39 लोग मारे गए और 45 अन्य घायल हुए।
हजारा, एक जातीय समूह को मूल के रूप में मंगोलियाई माना जाता है, यह ज्यादातर शिया इस्लाम के अनुयायी हैं, जो अफगानों के विशाल बहुमत सुन्नी मुसलमान के बाद दूसरी सबसे बड़ी शाखा है।
काबुल में विस्फोट के करीब एक घंटे पहले, एक आत्मघाती हमलावर ने घोर प्रांत के डु-लायना जिले के ख्वाजगन मस्जिद में विस्फोटक किया था।
प्रांत के गवर्नर के प्रवक्ता अब्दुल हाई खताबी ने कहा कि हमला एक तालिबान विरोधी आतंकवादी, फजल हयात खान ने किया, और उसके आदमी अंदर प्रार्थना कर रहे थे। घोर के पुलिस प्रवक्ता इक्बाल नेजामी के मुताबिक खान और उसके कई लोग समेत 30 की इस हमले में मौत हो गई।
हालांकि शुक्रवार को हुए इन दोनों हमलों की जिम्मेदारी किसी समूह ने नहीं ली है। तालिबान ने इस हफ्ते सेना और पुलिस पर किए हमले जिसमें 91 लोग मारे गए थे उसकी जिम्मेदारी ली है। अफगान राष्ट्रपति अशरफ घनी ने मस्जिद हमले की निंदा की है और हमले को ‘मानवता के खिलाफ अपराध’ बताया है।