जोधपुर। जैसलमेर जिले के नाचना गांव में पिछले माह एटीएम चुराने के मामले का पर्दाफाश करते हुए जैसलमेर पुलिस ने चुराया गई एटीएम मशीन बरामद कर छह चोरों को गिरफ्तार किया है। दिलचस्प बात यह है कि वे सभी रातों.रात में अमीर बनना चाहते थे।
पुलिस ने बताया कि पिछले 12 अगस्त को नाचना स्थित एसबीबीजे बैंक में चोर एटीएम तोड़ एटीएम की मशीन चुराकर ले गए। चुराई गई एटीएम मशीन में लाखों रुपए थे। पुलिस ने स्पेशल टीम गठित कर अनुसंधान शुरू किया।
अनुसंधान में पुलिस ने एटीएम में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की जांच कर आरोपित महावीर, कैलाश पुत्र उदाराम, शिवलाल पुत्र जीवनलाल, सिराजूदीन पुत्र फरीद खां कालू पुत्र भवंरूराम व प्रेमप्रकाश पुत्र मुलाराम भील को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में सभी आरोपितों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
आरोपितों से की गई पूछताछ में कई चौकाने वाले खुलासे हुए हैं। आरोपितों ने पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में बताया कि एक ही रात में करोड़पति बनने के लिए वे लंबे समय से बड़ी चोरी करने की योजना बना रहे थे और इस सबंध में रात में शराब पार्टी भी करते थे।
एक दिन योजना बनाने के मास्टमाइंड बैंक सफाईकर्मी के पुत्र कैलाश ने बैंक का एटीएम चुराने का सुझाव दिया। इसे उसके सभी साथी अंजाम देने के लिए तैयार भी हो गए।
आरोपितों ने एटीएम चुराने के मास्टर माइंड आरोपी कैलाश ने बताया कि हम सब ने पिछले दो माह से बड़ी वारदात को अंजाम देने की तैयारी की। सभी देर रात तक एक साथ शराब पार्टी कर अलग-अलग तरीके से योजना बनाते थे।
इसी दौरान एक दिन भाई महावीर ने गांव के एटीएम को लूट कर बड़ी राशि चोरी करने का प्लान सुझाया। जिसकों अंजाम देने के लिए दोस्त शिवराम भील, सिराजूदीन, कालू, प्रेमप्रकाश से सम्पर्क किया। सिराजूदीन पोकरण में लोडिंग टेक्सी चलाता है, उससे गाड़ी मंगवाई गई।
इसके बाद अगस्त को दिन में महावीर ने बैंक के एटीएम में जमा राशि की जानकारी प्राप्त की और एटीएम को हैंग कर दिया। इसके बाद कैलाश ने सराजूदीन से गाडी मंगवाई, इसके बाद महावीर ने चदर ओढ एटीएम के सभी सीसीटीवी कैमरा तोड़ दिया।
एटीएम को गाड़ी से रस्सी व तार से बांधकर तोड़ा औरएटीएम में लगी पैसों की मशीन चुरा कर ले गए। आरोपित एटीएम मशीन को चुराकर नहर के जंगल में ले गए जहां उनहोंने मशीन को हथोड़ों से तोडकऱ एटीएम में रखी राशि को निकाल कर राशि का बंटवारा कर लिया।
मृत पशुओं के नीचे दबाई राशि
मास्टरमाइंड कैलाश में बताया कि उसने अपने हिस्से में आई राशि को रिश्तेदारों के पास जमा करवा दी। टीम के सदस्यों ने कैलाश के साथ जाकर खारा की सरहद में कैलाश की ओर से मृत पशुओं के नीचे दबे पैसे निकाले।
उसने बताया कि ऐसे स्थानों पर आम आदमी नहीं जाता है। ऐसे में राशि छिपाने के लिए ऐसी जगह को चिन्हित किया गया। चोरों ने चोरी के पैसे में से कुछ हिस्सा देवी देवताओं को प्रसन्न करने के लिए खर्च किए।
उन्होंने 20 हजार रुपए रामदेवरा में गरीबों बांटे और बीकानेर, पाली व जैसलमेर के कई देवी देवाताओं के मंदिरों में जाकर प्रसाद इन पैसों के प्रसाद चढ़ाए।