![अगस्ता घोटाला 2012 में रोक सकती थी यूपीए सरकार अगस्ता घोटाला 2012 में रोक सकती थी यूपीए सरकार](https://www.sabguru.com/wp-content/uploads/2016/05/karto.jpg)
![Augusta scam could have been stopped in 2012, says defence minister manohar parrikar](https://www.sabguru.com/wp-content/uploads/2016/05/karto.jpg)
नई दिल्ली। केंद्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घूसकांड मामले में आरोपियों के खिलाफ केंद्र सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी। सौदा तय करने के लिए टेंडर की शर्तों में बदलाव किए गए थे जिसकी जांच की जा रही है।
उन्होंने कहा कि पूर्व वायु सेना प्रमुख एस पी त्यागी, गौतम खेतान तो ‘बहती गंगा’ में हाथ धोने वाले छोटे नाम है, हम बड़े नामों का पता लगा रहे हैं जिन्होंने रिश्वत ली।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने शुक्रवार को लोकसभा में बयान दिया कि 2012 में यूपीए सरकार अगुस्ता घोटाला रोक सकती थी। लेकिन अगस्ता सौदे के लिए टेंडर की शर्तों में बदलाव किया गया। अगस्ता शर्तों पर खरी उतरे, इसके लिए कई बदलाव किए गए।
खरीद प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। हेलीकॉप्टर की कीमतों को छह गुना बढ़ाया गया। यूपीए ने 793 करोड़ में सौदा तय किया था जिसे बाद में बदल कर 4877.5 करोड़ रूपए कर दिया गया।
पर्रिकर ने कहा कि मैंने किसी का नाम नहीं लिया और न लेना चाहता हूं। अगस्ता को सौदा तय करने के लिए जो कुछ भी किया जा सकता था किया गया। लेकिन जब चोरी सामने आई तो तत्कालीन यूपीए की सरकार ने कंपनी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। जब मजबूरी बनी तब जाकर कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की गई।
रक्षा मंत्री ने कहा कि टेंडर इटली की कंपनी को दिया गया, लेकिन टेंडर भरा यूके की कंपनी ने। यानी टेंडर किसी और कंपनी को दिया गया जबकि टेंडर कोट दूसरी कंपनी ने भरा था। इस कंपनी के पास उत्पाद निर्माण की सुविधा नहीं थी। यह केवल पीआर का काम कर रही थी।
इसने बाद में टेंडर इटली की कंपनी को दिया। इसके पेपर इटली की कोर्ट से मिल गए हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में सीबीआई ने मार्च, 2013 में प्राथमिकी दर्ज की लेकिन उसकी कॉपी प्रवर्तन निदेशालय को दिसंबर तक नहीं भेजी गई।
2011 नवंबर में इटली में मामला दर्ज हुआ। फरवरी 2012 में सरकार ने दूतावास को लिखा कि मामला क्या है, लेकिन तत्कालीन सरकार ने कंपनी को कोई पत्र नहीं लिखा।
2005 में यूपीए सरकार ने एक अखबार की रिपोर्ट पर छह कंपनियों को ब्लैकलिस्ट में डाल दिया था, लेकिन यहां पर कुछ नहीं किया। दिसंबर 2012 में देश में तीन हेलीकॉप्टर आए।
पर्रिकर ने एक प्रश्न के जवाब में बताया कि 1994 में इस खरीद की प्रक्रिया आरंभ हुई। 1.8 मीटर ऊंचाई बढ़ाने का काम कांग्रेस की यूपीए सरकार ने किया। एनएसए की बैठक में 9 मई 2005 को यूपीए सरकार ने ऊंचाई बढ़ाने का काम किया।
उन्होंने कहा कि 3 जुलाई 2014 को एयरपोर्ट 2 ऑफिस जहां सब रिकॉर्ड रखे जाते हैं वहां आग लग गई। तमाम फाइलें जल के राख हो गईं। आग की वजह भी सामने आएगी। इसके टेस्ट में तमाम खामियां उजागर हुईं। इस वजह से इसके ट्रायल भारत में नहीं हुए।